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बांग्लादेश के न्यायाधिकरण ने हसीना के खिलाफ आरोपों की जांच की समय सीमा दो महीने बढ़ाई

ढाका । बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध के आरोपों की जांच पूरी करने की समय सीमा दो महीने के लिए बढ़ा दी। ‘डेली स्टार’ अखबार की खबर के अनुसार, न्यायाधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गुलाम मुर्तुजा मजूमदार की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने यह आदेश पारित किया तथा जुलाई-अगस्त में छात्र नेतृत्व वाले प्रदर्शनों के दौरान नरसंहार के लिए हसीना और पूर्व मंत्रियों सहित 45 अन्य के खिलाफ दर्ज मामले में जांच पूरी करने के लिए समय सीमा 18 फरवरी तक बढ़ा दी।
हसीना (77) सरकार के खिलाफ अभूतपूर्व प्रदर्शनों के बाद पांच अगस्त को भारत चली गईं। पांच अगस्त को, छात्रों के आंदोलन के कारण हसीना के 16 साल के शासन का अंत हो गया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, दो मामलों की जांच रिपोर्ट आज पूरी होनी थी, लेकिन जांच एजेंसी ने और समय मांगा। पूर्व कृषि मंत्री अब्दुर रज्जाक को नरसंहार मामले में गिरफ्तार दिखाया गया, इसके अलावा 15 अन्य उच्च पदस्थ लोगों को भी इस मामले में पूर्व में गिरफ्तार दिखाया गया था। गिरफ्तार किए गए लोगों में पूर्व कानून मंत्री अनीसुल हक, पूर्व उद्योग मंत्री अमीर हुसैन अमू, पूर्व खाद्य मंत्री कमरुल इस्लाम, पूर्व नागरिक उड्डयन और पर्यटन मंत्री लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) फारुक खान, पूर्व मंत्री और वर्कर्स पार्टी के अध्यक्ष रशीद खान मेनन शामिल हैं।
वहीं, अंतरिम सरकार द्वारा गठित एक जांच आयोग ने हाल में अपनी अनंतिम रिपोर्ट में कहा कि उसने लोगों को जबरन गायब किये जाने की कथित घटनाओं में हसीना की संलिप्तता पाई है। जबरन गायब किये जाने के मामलों की जांच के लिए गठित आयोग ने अनुमान लगाया है कि ऐसे मामलों की संख्या 3,500 से अधिक होगी। अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘आयोग को शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान जबरन गायब किए जाने की घटनाओं में उनके निर्देश देने वाले के रूप में शामिल होने के सबूत मिले हैं।

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