यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को लेकर बढ़ते भूराजनीतिक तनाव के बीच बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जैंडर लुकाशेंको मंगलवार को चीन के तीन दिवसीय दौरे पर रवाना होंगे।
लुकाशेंको को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का करीबी सहयोगी माना जाता है।
चीन का कहना है कि लुकाशेंकों का बीजिंग दौरा ‘दोनों देशों के बीच चौतरफा सहयोग को और बढ़ावा देने का शानदार अवसर’ है।
हालांकि, इस बात को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं कि चीन यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस को सैन्य सहायता देने पर विचार कर रहा है, जिसे लेकर अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
चीन ने अमेरिकी आरोपों को एक दुष्प्रचार अभियान करार दिया है। उसने कहा है कि वह रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
चीन ने वाशिंगटन और उसके सहयोगियों पर यूक्रेन को रक्षात्मक हथियार प्रदान कर संघर्ष को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने सोमवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा था, “अमेरिका को चीन-रूस संबंधों पर उंगली उठाने का कोई अधिकार नहीं है। हम अमेरिकी दवाब और जबरदस्ती को कतई स्वीकार नहीं करेंगे।