प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा में G7 उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस सप्ताह इटली की यात्रा करने के लिए तैयार हैं। 13 से 15 जून तक इटली के अपुलीया क्षेत्र में बोर्गो इग्नाज़िया के लक्जरी रिसॉर्ट में आयोजित होने वाले जी7 शिखर सम्मेलन में यूक्रेन में भीषण युद्ध और गाजा में संघर्ष का मुद्दा छाए रहने की संभावना है। शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले शीर्ष नेताओं में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन,फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रॉन, जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा और कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो शामिल हैं।
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यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की का भी अपने देश पर रूसी आक्रमण पर एक सत्र का कार्यक्रम है। मोदी की इटली की योजनाबद्ध यात्रा से परिचित लोगों ने कहा कि वह 13 जून को इटली के लिए रवाना होने वाले हैं और 14 जून को देर रात लौटेंगे, उन्होंने कहा कि लगातार तीसरी बार प्रधान मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा होगी। प्रधानमंत्री का राजनयिक एजेंडा और डिप्लोमैटिक मीटिंग चुनावी प्रक्रिया के कारण रुकी हुई थी। लेकिन अब ये माना जा रहा है कि एक हफ्ते के बाद वो इटली पहुंचेंगे और फिर पी-5 के नेताओं से भी उनकी मुलाकात होगी। पिछले 10 सालों में पीएम मोदी की छवि वैश्विक नेता और नेतृत्वकर्ता के रूप में बनी है। जी-7 के मेजबान देश इटली की प्रधानमंत्री ने चुनाव के दरमियान ही उन्हें आमंत्रित किया था। हालांकि इन्विटेशन भारत के प्रधानमंत्री को मिला था। लेकिन जब चुनाव चल रहा थे तब भी वैश्विक नेताओं को ये उम्मीद थी आएंगे तो मोदी ही। जब पीएम मोदी 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बने थे तो सार्क देशों के सभी सदस्य देश इसमें शामिल हुए थे। लेकिन उसके बाद अमेरिका और रूस के साथ संबंधों को संतुलित किया।
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पीएम मोदी ने ऑफ द रिकार्ड कहा भी था कि पहले के प्रधानमंत्रियों के कंधे पर अमेरिकन प्रेसिडेंट द्वारा हाथ रखा जाता था। उम्र का लिहाज न करते हुए। लेकिन अब भारत का राष्ट्राध्यक्ष आंख में आंख मिलाकर और हाथ से हाथ मिलाएगा। वहीं 10 साल में देखने को मिला। पीएम मोदी तीसरा चुनाव जीतने के बाद विदेश दौरे पर जाएंगे तो उनका कद और बढ़ा हुआ नजर आएगा। भारतीय प्रधानमंत्री जून के अंतिम सप्ताह में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की मेजबानी करेंगे, उसके बाद जुलाई में कजाकिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जहां चुनाव के बाद उनकी मुलाकात चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हो सकती है।