जिन खालिस्तानी आतंकियों के लिए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत से दुश्मनी मोल ली। उन्हीं खालिस्तानी आतंकवादियों ने जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान धमाके की साजिश रची। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खीचने के लिए सिख फॉर जस्टिस से जुड़े खालिस्तानी आतंकी दिल्ली एयरपोर्ट और मेट्रो स्टेशन को निशाना बनाना चाहते थे। जी20 से ठीक पहले हुई मल्टी एजेंसी सेंटर की मीटिंग में साजिश का खुलासा हुआ और इस मीटिंग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक 31 अगस्त को आतंकी संगठन एसएफजे से जुड़े एक सदस्य के भारतीय मोबाइल नंबर पर वॉयस मैसेज आया। ब्रिटेन से आए वॉयस मैसेज में खालिस्तानी आतंकी और सिख फॉर जस्टिस के सरगना गुरवंत सिंह पन्नू की आवाज भी थी।
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इस वॉयस मैसेज में खालिस्तानी आतंकवादियों के जरिए दिल्ली में बॉम्ब ब्लास्ट की बात कही गई थी। ये बॉम्ब ब्लास्ट दिल्ली एयरपोर्ट और कई मेट्रो स्टेशन पर किए जाने थे। जिससे खालिस्तान रेफरेंडम की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दे। जबकि इसी 31 अगस्त को एक और कॉल इंटरसेप्ट किया गया। उसमें जी20 समिट के वेन्यू यानी भारत मंडपम और विदेशी डेलीगेट्स के रुकने वाले होटलों को भी निशाना बनाए जाने की बात कही जा रही थी।
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खालिस्तानी आतंकी जी20 समिट के दौरान हमला करके पूरी दुनिया में भारत की छवि धूमिल करने के साथ साथ खालिस्तान रेफरेंडम की आवाज को ग्लोबल मंच देने की फिराक में थे। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के अनुसार पन्नू इन सब में फिलीपींस में रहने वाले गैंगस्टर मनप्रीत सिंह पीटा की मदद ले रहा था। मनप्रीत सिंह पीटा कनाडा में रहने वाले गैंगस्टर अर्श दल्ला का बेहद करीबी दोस्त है। लेकिन इससे पहले ही 11 अगस्त को एनआईए मनप्रीत सिंह पीटा और उसके भाई मनजीत को फिलिपींस से डिपोर्ट कर भारत ले आई।