लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) ने मंगलवार को पंजाब पुलिस को पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान को राहत दी है। रोक कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि पूर्व प्रधानमंत्री के साथ कानून के अनुसार व्यवहार किया जाए। यह आदेश पांच सदस्यीय पीठ द्वारा जारी किए गए हैं। अदालत का फैसला इमरान की उस याचिका पर आया है जिसमें पंजाब में अधिकारियों को उनके जमान पार्क स्थित आवास पर पुलिस अभियान शुरू करने से रोकने या “अघोषित” प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के आधार पर उन्हें गिरफ्तार करने से रोकने की मांग की गई थी। बैरिस्टर सलमान सफदर और एडवोकेट अजहर सिद्दीकी द्वारा दायर याचिका की सुनवाई जस्टिस अली बकर नजफी, जस्टिस आलिया नीलम, जस्टिस तारिक सलीम शेख, जस्टिस अनवारुल हक पन्नून और जस्टिस मुहम्मद अमजद रफीक ने ये निर्णय दिया है।
इसे भी पढ़ें: वायु सेना कितनी प्रभावी हो सकती है ये बालाकोट ऑपरेशन ने दिखाया, एयरोस्पेस पावर सेमिवार में बोले IAF चीफ
कार्यवाही से पहले इमरान कोर्ट पहुंचे। पीटीआई प्रमुख कई गार्डों से घिरे नजर आए। आज सुनवाई की शुरुआत में इमरान के वकील सलमान सफदर ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ एक के बाद एक मामले दर्ज किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इमरान खान के खिलाफ सिर्फ पंजाब में 80 मामले दर्ज हैं। अदालतें पुलिस द्वारा अधिकार के गलत इस्तेमाल पर गौर कर सकती हैं और हम चाहते हैं कि बेंच इस मामले में भी ऐसा ही करे। इस पर जस्टिस नजफी ने कहा कि उन्होंने पहले भी जमान पार्क के बाहर के हालात पर नाराजगी जाहिर की थी।
इसे भी पढ़ें: Atique को जिंदा करेगा पाकिस्तान, गैंगस्टर की हत्या पर बीबीसी, रॉयटर्स और विदेशी मीडिया ने चलाया ये विशेष अभियान
न्यायाधीश पिछले महीने इमरान के आवास के बाहर तीन दिन तक चली पुलिस कार्रवाई का जिक्र कर रहे थे। ऑपरेशन के परिणामस्वरूप अधिकारियों और पीटीआई समर्थकों के बीच हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें दर्जनों घायल हो गए। आज सुनवाई के दौरान पीटीआई प्रमुख के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को ईद की छुट्टियों के दौरान जमां पार्क के बाहर एक और ऑपरेशन के बारे में विश्वसनीय जानकारी मिली है।