Breaking News

Pakistan में जजों की शक्तियां कम करने वाले बिल ने लिया कानून का रूप, SC ने लगाई थी रोक

जिस ज्यूडिशियल रिफॉर्म बिल को लेकर इजरायल में इमरजेंसी जैसे हालात नजर आ रहे हैं उसी जजों की शक्तियां कम करने वाला बिल पाकिस्तान में कानून की शक्ल ले चुका है। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) के स्वत: संज्ञान लेने और बेंच गठित करने की शक्तियों को कम करने वाला एक विधेयक शुक्रवार को कानून बन गया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसके कार्यान्वयन पर रोक लगा दी थी। 

इसे भी पढ़ें: भारतीय कंटेंट का प्रसारण तुरंत बंद करें, Pakistan में केबल ऑपरेटरों को PEMRA से मिली वॉर्निंग

नेशनल असेंबली के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर इसकी जारी एक पोस्ट के जरिए दी। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि पिछले हफ्ते शीर्ष अदालत ने एक पूर्व-खाली हड़ताल में एक आदेश पारित कर सरकार को तत्कालीन विधेयक को लागू करने से रोक दिया था, लेकिन फिर भी यह कानून बन गया। इससे पहले नेशनल असेंबली ने सुप्रीम कोर्ट (प्रैक्टिस एंड प्रोसीजर), बिल 2023 पारित किया, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) के कार्यालय को एक व्यक्तिगत क्षमता में स्वत: संज्ञान लेने की शक्तियों से वंचित करना है।

इसे भी पढ़ें: Poonch Terror Attack के खिलाफ Jammu में विरोध प्रदर्शन और पाकिस्तान विरोधी नारेबाजी, शहीद जवानों के घरों में पसरा मातम

 
विधेयक संघीय कानून और न्याय मंत्री आज़म नज़ीर तरार द्वारा प्रस्तुत किया गया था। पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने संबोधित करते हुए पहल को “बहुत कम और बहुत देर से” करार दिया और कहा कि इसे “न्यायाधीशों के सशक्तिकरण” विधेयक कहा जाना चाहिए।

Loading

Back
Messenger