खालिस्तानी गुंडों का वीडियो लंदन में सामने आया है। अमृतपाल के खिलाफ पंजाब पुलिस के एक्शन के बाद भारत के भगोड़े खालिस्तानी और उसके समर्थक सड़कों पर सवेरा गुंडागर्दी करते नजर आ रहे हैं। ब्रिटेन की राजधानी लंदन में भारतीय हाई कमीशन दफ्तर में तोड़फोड़ करना तिरंगे का अपमान करना। हालांकि, यह कोई पहला मौका नहीं है। पहले पाकिस्तानी और फिर खालिस्तानी ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग और भारतीयों को निशाना बना रहे हैं। वहीं ब्रिटेन पुलिस केवल खानापूर्ति करती नजर आ रही है। ऐसे में कहा जा सकता है कि मानव खाली स्थान योग के लिए ब्रिटेन से ज्यादा मुफीद जगह कोई नहीं हो सकती है।
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ब्रिटेन के इस रुख के बाद भारत ने भी भारत में ब्रिटिश राजनयिकों के घर के बाहर तैनात सुरक्षा दस्ते को कम कर दिया। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि भारत को दोस्त बताने वाला ब्रिटेन उसके दुश्मनों को क्यों पनाह दे रहा है? एक रिपोर्ट के अनुसार खालिस्तान पर ब्रिटेन के रुख की नींव बोरिस जॉनसन ने डाली थी। इसकी वजह यूक्रेन पर हमला करने के बाद भी रूस से भारत की दोस्ती का बरकरार रहना है। ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने यूक्रेन के युद्ध में भारत का साथ नहीं देने पर खालिस्तानियों को शह देना शुरू कर दिया था। दरअसल, यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद भारत ने इस युद्ध के शांतिपूर्ण हल की मांग की थी।
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करीब साढे 4 साल तक खालिस्तानी जगतार सिंह पर चुप्पी साधे रहने के बाद बोरिस जॉनसन की सरकार ने देश के विपक्ष के नेता केएन स्टलमेट को पत्र लिखते हुए माना कि खालिस्तानी जेहल को जानबूझकर भारतीय जेल में रखा गया है। उसके खिलाफ औपचारिक आरोप भी नहीं लगाया गया है। जेहल को नवंबर 2017 में भारतीय पुलिस ने गिरफ्तार किया था।