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ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने जापान यात्रा पर ‘ऐतिहासिक’ हिरोशिमा समझौता किया

लंदन। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति जी7 शिखर सम्मेलन के लिए बृहस्पतिवार को जापान पहुंचे जहां उन्होंने ब्रिटेन-जापान आर्थिक, सुरक्षा और प्रौद्योगिकी सहयोग के लिए एक नया “हिरोशिमा समझौता” किया।
ब्रिटेन-जापान वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को इस क्षेत्र में चीनी प्रभुत्व के प्रति संतुलन के रूप में देखा जा रहा है और इसके तहत प्रमुख क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखला लचीलेपन को मजबूत करने के लिए “महत्वाकांक्षी” अनुसंधान एवं विकास सहयोग और कौशल विनिमय को आगे बढ़ाने के वास्ते एक सेमीकंडक्टर साझेदारी भी शामिल है।

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ब्रिटेन ने यह भी पुष्टि की कि उसका कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (सीएसजी) युद्धपोत 2021 में भारत सहित हिंद-प्रशांत क्षेत्र की पहली यात्रा के बाद 2025 में इस क्षेत्र में वापस आ जाएगा। सुनक द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान परमाणु बम हमले के गवाह बने हिरोशिमा का दौरा करने वाले पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री बन गए हैं।
ब्रिटिश-भारतीय नेता ने कहा, “जापान के साथ ब्रिटेन के रिश्तों के इस ऐतिहासिक पल में तोक्यो और हिरोशिमा का दौरा करना एक ‍विशेषाधिकार है।”

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उन्होंने कहा, “प्रधान मंत्री (फुमियो) किशिदा और मैं हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति व सुरक्षा बरकरार रखने और मुक्त और निष्पक्ष व्यापार सहित हमारे मूल्यों की रक्षा करने के महत्व पर निकटता से जुड़े हुए हैं। हिरोशिमा समझौते से हम अपने सशस्त्र बलों के बीच सहयोग बढ़ा पाएंगे, हमारी अर्थव्यवस्थाओं का एक साथ विकास होगा और हमारी विश्व-अग्रणी विज्ञान और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता विकसित होगी। यह ब्रिटेन और जापान की फूलती-फलती साझेदारी में एक रोमांचक अगले चरण का प्रतीक है।

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