प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि इजराइल-हमास युद्ध के संघर्षविराम को कैसे देखते हैं आप? इस पर उन्होंने कहा कि इजराइल और हमास के बीच चार दिवसीय युद्ध विराम समझौता प्रभावी हो गया है जिसके चलते फलस्तीनी कैदियों और गाजा में बंधक बनाए गए दर्जनों लोगों की होगी अदला-बदली होगी। उन्होंने कहा कि समझौता लागू होना पहली बड़ी कूटनीतिक जीत है और सात अक्टूबर को इजराइल पर हमास के हमले के बाद से शुरू हुए युद्ध में विराम लग गया है। उन्होंने कहा कि हालांकि हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि यह घोषणा इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की उस टिप्पणी के बीच हुई है जिसमें उन्होंने कहा था, ‘‘हमारे सभी लक्ष्य हासिल होने तक युद्ध जारी रहेगा।’’ उन्होंने कहा कि इजराइल कैबिनेट ने कतर, मिस्र और अमेरिका की मध्यस्थता वाले समझौते को तीन के मुकाबले 35 वोट से मंजूरी दी। धुर दक्षिणपंथी ओत्जमा येहुदित पार्टी के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन ग्विर सहित पार्टी के मंत्रियों ने इसके खिलाफ वोट किया।
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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि समझौते के तहत इजराइल द्वारा पकड़े गए फलस्तीनी कैदियों के बदले में बंधकों की रिहाई होगी। दोनों पक्षों द्वारा रिहा किए जाने वालों में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। इस समझौते से गाजा में मानवीय सहायता की आपूर्ति भी बढ़ेगी। इजराइल ने 300 फलस्तीनियों की सूची जारी की है जिन्हें इजराइल और हमास के इस समझौते के तहत रिहा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इज़राइल के न्याय मंत्रालय ने रिहाई के पात्र 300 कैदियों की एक सूची प्रकाशित की, जिनमें मुख्य रूप से पत्थर फेंकने और अन्य छोटे अपराधों के लिए पिछले साल हिरासत में लिए गए किशोर शामिल थे। उन्होंने कहा कि पहले चरण में सिर्फ 150 कैदियों की रिहाई की संभावना है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि हमें यह भी देखना चाहिए कि इस युद्ध में गाजा में अब तक 15 हजार के करीब लोग मारे जा चुके हैं और सैंकड़ों घायल हो गये हैं तथा लाखों लोग बेघर हो गये हैं इसलिए यह युद्ध अब थमना ही चाहिए।