कनाडा कट्टरपंथियों के इशारे पर कदम बढ़ाते हुए खालिस्तान बनने की राह पर चल पड़ा है। कनाडा ने दीवाली पर रोक लगा दी है। इस खबर ने भारत के साथ साथ दुनियाभर के हिंदुओं को हिलाकर रख दिया है। कनाडा ने एक ऐसी जंग शुरू कर दी है जिसे अब भारत खत्म करेगा। लेकिन मजेदार बात ये है कि दीवाली पर बैन लगाकर कनाडा के साथ बहुत बड़ी अनहोनी हो गयी।
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कनाडा का भारत और हिंदुओं पर बड़ा हमला
कनाडा हिन्दू फोरम नाम के एक संगठन ने बताया है कि कनाडा के विपक्षी नेता पियरे पुलव और उनकी कंजरवेटिव पार्टी ने दीवाली उत्सव को रद्द कर दिया है। हिन्दू फोरम ने कंजरवेटिव पार्टी के इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि जो त्योहार वैश्विक स्तर पर एकता और प्रकाश का पर्व माना जाता है उसी त्योहार को रद्द करना एक बड़े सामुदायिक हिस्से को छोड़ने जैसा है। कनाडा में हिंदू, सिख, बौद्ध, और जैन समुदाय लगभग 2.5 मिलियन की जनसंख्या के साथ एक अहम सामाजिक और सांस्कृतिक स्तंभ का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये समुदाय विज्ञान, शिक्षा, स्वास्थ्य, और व्यवसाय जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देते आए हैं।
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आपको बता दें कि जस्टिन ट्रूडो तो पहले से ही हिंदुओ और उनके त्योहारों से नफरत करते थे। लेकिन अब तो कनाडा के विपक्षी नेता पियरे भी हिंदुओं को टारगेट कर रहे हैं। ये वही पियरे पुलिवर हैं जिन्होंने ट्रूडो के खिलाफ कैम्पेन में हिंदुओं से समर्थन मांगा था। बता दें कि विवाद बढ़ता देख पोइलिवरे के कार्यालय से इस पर स्पष्टीकरण भी सामने आया। पोइलिवरे के कार्यालय के एक बयान में बताया गया कि निर्णय जल्दबाजी में लिया गया था और पुष्टि की गई कि दिवाली समारोह योजना के अनुसार आगे बढ़ेगा। कहा गया कि पोइलिव्रे ने इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया है, ये बातें पूरी तरह से गलत है। इस कार्यक्रम की मेजबानी हमेशा कंजर्वेटिव कॉकस के एक सदस्य द्वारा की गई है, इस वर्ष एमपी डोहर्टी हैं, और विपक्ष के नेता द्वारा कभी भी आयोजित नहीं किया गया है। हालांकि स्थान और समय में बदलाव हुए हैं।