भारतीय राजनयिकों को धमकी संबंधी ऑनलाइन वीडियो जारी होने के बाद कनाडा के पब्लिक सेफ्टी (जन सुरक्षा) विभाग ने कहा है कि वह देश में सभी राजनयिक प्रतिनिधियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहा है। इसके साथ ही विभाग ने कहा कि देश में ‘‘हिंसा भड़काने’’ के लिये कोई जगह नहीं है।
‘पब्लिक सेफ्टी कनाडा’ का यह बयान खालिस्तानी पोस्टर ऑनलाइन प्रसारित किये जाने के एक महीने के बाद आया है। इन पोस्टर में भारतीय अधिकारियों के नाम लिखे थे। इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने सहयोगी देशों कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका से कहा था कि वे ‘‘चरमपंथी खालिस्तानी विचारधारा’’ को जगह नहीं दें, क्योंकि यह (आपसी) संबंधों के लिये ‘‘ठीक नहीं’’ है।
‘पब्लिक सेफ्टी कनाडा’ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘कनाडा में हिंसा भड़काने के लिये कोई जगह नहीं है।
भारतीय राजनयिक अधिकारियों को धमकी से संबंधित ऑनलाइन वीडियो प्रसारित होने के बाद कानून लागू करने वाली एजेंसी कीसेवा ली गई है।’’
‘एक्स’ को पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था।
इसने पिछले सप्ताह कहा था, ‘‘कानून लागू करने वाली कनाडाई एजेंसी और सरकार देश में सभी राजनयिक प्रतिनिधियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है।’’
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जॉली ने पिछले महीने भारत को उसके राजनयिकों की सुरक्षा का आश्वासन दिया था और खालिस्तान की रैली से पहले प्रसारित ‘प्रचार सामग्री’ को ‘‘अस्वीकार्य’’ बताया था।
जून में, ब्रैम्पटन में एक झांकी के दृश्य सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद भारत ने कनाडा की कड़ी आलोचना की थी। इस झांकी में कथित तौर पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाया गया था।
विदेश मंत्री जयशंकर ने इसपर कहा था कि खालिस्तानी मुद्दे पर कनाडा की प्रतिक्रिया उसकी ‘‘वोट बैंक की मजबूरियों’’ से बाधित प्रतीत होती है, और अगर ये गतिविधियां राष्ट्रीय सुरक्षा एवं अखंडता पर आघात करती हैं, तो भारत को इसका जवाब देना होगा।
उन्होंने कहा था कि खालिस्तानी मुद्दे ने पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच संबंधों को कई तरह से प्रभावित किया है।
जयशंकर ने कहा था कि भारत कनाडा से खालिस्तानी समर्थक अलगाववादियों और चरमपंथी तत्वों को जगह नहीं देने के लिए कहता रहा है।