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Pakistan Economy: कर्ज देने वाले की सारी शर्तों को कबूल नहीं कर सकते, खैरात देने वाले को ही आंखे दिखा रहा पाकिस्तान

पाकिस्तान के आर्थिक हालात वैसे तो इन दिनों गर्दिश में हैं, लेकिन फिर भी पैसे-पैसे को मोहताज मुल्क की अकड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है। पाकिस्तान को जिस आईएमएम से खैरात की दरकरार है वो उसी को आंखे दिखाने लग गया है। बता दें कि आईएमएफ ने हाल ही में पाकिस्तान के बजट की आलोचना की थी। ये बात पाकिस्तान को बुरी लग गई। पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने आईएमएफ के बयान के कुछ ही घंटों के भीतर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाकिस्तान एक संप्रभु देश है और वो कर्ज देने वाले की सभी शर्तों को नहीं स्वीकार कर सकता है। 

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वित्त और राजस्व पर पाकिस्तानी सीनेट की स्थायी समिति को संबोधित करते हुए उन्होंने हाल में ही पेश किए गए बजट में दी गई टैक्स छूट पर आईएमएफ की आपत्ति का जवाब दिया। डार ने कहा कि पाकिस्तान एक संप्रभु देश है और आईएमएफ से सबकुछ स्वीकार नहीं कर सकता है। आईएमएफ चाहता है कि हम किसी भी क्षेत्र में टैक्स रियायतें न दें। पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा कि पाकिस्तान और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) चल रहे हैं और वार्ता विफल नहीं हुई है और न ही बातचीत का चरण समाप्त हुआ है। डार ने बताया कि आईएमएफ कार्यक्रम की नौवीं समीक्षा इसी महीने पूरी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि आईएमएफ के साथ हमारी बातचीत चल रही है और यह अभी पूरी नहीं हुई है। हम पहले ही भुगतान कर चुके हैं, जिसके लिए फिच ने चिंता जताई थी।

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आईएमएफ ने पाकिस्तान के हाल ही में पेश किए गए बजट पर असंतोष व्यक्त किया। पाकिस्तान के पास एक महीने के आयात को कवर करने के लिए बमुश्किल पर्याप्त मुद्रा भंडार है। उसे उम्मीद थी कि नवंबर में 1.1 अरब डॉलर की धनराशि जारी हो जाएगी, लेकिन आईएमएफ ने और अधिक संवितरण करने से पहले कई शर्तों पर जोर दिया है।

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