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दक्षिण कोरिया-जापान बैठक से बौखलाया चीन, कहा- टोक्यो-सियोल को गुट नहीं बनाना चाहिए

चीन ने गुरुवार को पूर्वी चीन सागर (ईसीएस) में टोक्यो के क्षेत्रीय दावों का चीनी संप्रभुता के उल्लंघन के रूप में मुकाबला करते हुए जापान पर दोहरा कूटनीतिक हमला किया और जापानी सैन्यीकरण को “बहुत खतरनाक” बताया, जो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से “उच्च सतर्कता” का हकदार है। ECS में विवादित द्वीपों को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव के नवीनतम दौर की पृष्ठभूमि में चीनी विदेश और रक्षा मंत्रालयों की दोहरी प्रतिक्रियाएँ आईं। इससे पहले जापान की सेना ने बुधवार को चीनी तट रक्षक जहाजों पर जापानी क्षेत्रीय जल का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।

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चीन द्वीपों को दियाओयू कहता है, वहीं जापान उन्हें सेनकाकू कहता है। जापान की तरफ से चीन पर प्रहार उस दिन भी हुआ जब दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल ने 12 साल के अंतराल के बाद उत्तर कोरिया के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चा बनाने की कोशिश में टोक्यो में अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा से मुलाकात की है। बीजिंग में चीनी प्रवक्ताओं ने जापान को दो मोर्चों पर निशाना बनाया।

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बता दें कि दक्षिण कोरिया और जापान के नेताओं ने गुरुवार को टोक्यो में मुलाकात की. दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल 16 और 17 मार्च को जापान दौरे पर हैं। इस मुलाकात को दोनों देशों के बीच उलझे मुश्किल संबंधों में मील का पत्थर बताया जा रहा है। शीर्ष नेताओं के ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन से कुछ घंटे पहले उत्तर कोरिया ने एक इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण किया है। जापान और दक्षिण कोरिया दोनों देशों के अधिकारियों ने इस मिसाइल के प्रक्षेपण की पुष्टि की है। गुरुवार ​की सुबह दाग़ी गई यह मिसाइल लगभग 1,000 किमी दूर जापान के पश्चिम में समुद्र में गिरी है। 

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