Breaking News

China on Muslims: भारत में पत्थरबाजी कर रहे मुस्लिमों को चीन ने दिया करारा जवाब, इस फैसले से बवाल मचना तय

कोर्ट के आदेश के बाद हल्दवानी में अवैध मस्जिद और नमाज स्थान को बुलडोजर लगाकर गिराए जाने के बाद हजारों मुस्लिम भड़क गई। सड़कों पर आए पत्थरबाजी और आगजनी भी की। बवाल इतना बढ़ गया कि उत्तर प्रदेश के बरेली में बैठे मौलाना तौकीर रजा ने यहां तक कह दिया कि हमने अपने नौजवानों को रोका हुआ है। अगर हम अपनी पर आ गए तो मुश्किल हो जाएगी। इसके अलावा गुजरात के एक मौलाना ने हिंदुओं को गाली तक दे दी। भारत की सड़कों पर पत्थरबाजी कर रहे लोगों को चीन और एक मुस्लिम देश मलेशिया ने बड़ा झटका दिया है। चीन और मलेशिया ने एक ऐसा फैसला लिया है जिसे देखने के बाद भारत के मुस्लिम हैरान हो जाएंगे। 

इसे भी पढ़ें: अंग्रेजों के समय चली प्रथा, कौन होता है मालिक, ‘नजूल’ जमीन विवाद क्या है? जिसपर बनी धार्मिक इमारतों को हटाने पर सुलग उठी देवभूमि

मलेशिया सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया शरिया कानून

मलेशिया की सुप्रीम कोर्ट ने विपक्ष द्वारा संचालित राज्य में शरिया-आधारित आपराधिक कानूनों को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि ये संघीय अधिकार का अतिक्रमण हैं। इस्लामवादियों ने इस फैसले की निंदा की और कहा कि यह मुस्लिम-बहुल राष्ट्र में धार्मिक अदालतों को कमजोर कर सकता है। 8-1 के फैसले में नौ सदस्यीय संघीय न्यायालय पैनल ने केलंटन राज्य सरकार द्वारा बनाए गए 16 कानूनों को अमान्य कर दिया, जिसमें अपराधों के लिए इस्लाम में निहित दंड लगाए गए थे जिनमें सोडोमी, यौन उत्पीड़न, अनाचार, क्रॉस-ड्रेसिंग और स्थानों को नष्ट करना या अपवित्र करना शामिल था। अदालत ने कहा कि राज्य उन विषयों पर इस्लामी कानून नहीं बना सकता क्योंकि वे मलेशियाई संघीय कानून के अंतर्गत आते हैं।

इसे भी पढ़ें: Haldwani Violence । पहले ही मिल गए थे हल्द्वानी में हिंसा भड़कने के इनपुट, फिर भी स्थानीय प्रशासन ने जानकारी को किया नजरअंदाज?

गैर कानूनी मस्जिदों को हटाने का फैसला  

चीन ने अपने देश में मुस्लिमों को मस्जिद बनाने और धार्मिक परंपरा का पालन करने को लेकर कई आदेश जारी किए हैं। चीन की सरकारी अथॉरिटी ने गैर कानूनी मस्जिदों को हटाने का फैसला किया है। चीन ने कहा है कि अब कोई भी मस्जिद बनेगी उसका डिजाइन चीनी अधिकारी तय करेंगे। मस्जिदों पर अब गुंबद नहीं चलेगी। चीन ने कहा है कि मुस्लिमों की व्यक्तिगत परंपराएं चीनी कानूनों के सामने बाधा नहीं बननी चाहिए। 

17 total views , 1 views today

Back
Messenger