अमेरिका के विदेश मंत्री माकों रवियों ने पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो से रविवार को कहा कि पनामा नहर इलाके पर चीन के प्रभाव को तुरंत कम करना चाहिए, वरना अमेरिकी प्रशासन कार्रवाई कर सकता है। ये अमेरिकी विदेश मंत्री के रूप में रूबियो की पहली विदेश यात्रा है। इससे पहले राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा था कि पनामा नहर का नियंत्रण वापस अमेरिका को सौप दिया जाना चाहिए। राष्ट्रपति मुलिनो ने माना कि नहर के छोर पर मौजूद बंदरगाहों में चीन की भूमिका ने अमेरिका के लिए चिंता पैदा कर दी है।
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मुलिनो ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि रुबियो ने ‘नहर पर पुनः कब्जा करने या बल प्रयोग करने की कोई वास्तविक धमकी नहीं दी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मांग की है कि नहर का नियंत्रण वापस अमेरिका को सौंप दिया जाना चाहिए। रुबियो ने ट्रंप की ओर से मुलिनो से कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रारंभिक रूप से यह निर्धारित किया है कि नहर क्षेत्र में चीन की उपस्थिति उस संधि का उल्लंघन करती है जिसके तहत अमेरिका ने 1999 में जलमार्ग को पनामा को सौंपा था। उस संधि में अमेरिकी निर्मित नहर में स्थायी तटस्थता की बात कही गई है।
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क्या है पूरा मामला
अमेरिका ने 1999 पनामा नहर पनामा को सौंप दी थी। उस समझौते में कहा गया था कि अमेरिका की बनाई इस नहर में तटस्थता रहेगी। अब अमेरिका का कहना है कि चीन का बढ़ता प्रभाव इस शर्त को तोड़ रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘मंत्री रुबियों ने साफ किया है कि यह स्थिति मंजूर नही। तुरंत बदलाव नहीं किए गए तो अमेरिका को अपने अधिकारों की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे। ट्रंप ने भो कहा था कि नहर को चीन चल रहा है।