ताइवान की राष्ट्रपति के मध्य अमेरिका जाते समये संयुक्त राज्य अमेरिका में उतरने को लेकर चीन ने एक बार फिर चेतावनी देते हुए कहा कि ताइवान उसकी भूमि है और जरूरत पड़ी तो सैन्य बल का इस्तेमाल करके उसे अपने नियंत्रण में लेगा।
ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन के अमेरिका में रुकने पर आपत्ति जताते हुए चीन ने कहा कि वह घटनाक्रम पर करीब से नजर बनाए हुए है और अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की प्रतिबद्धता के साथ सुरक्षा करेगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने बृहस्पतिवार को दोहराया कि चीन को साई इंग वे और अमेरिकी अधिकारियों के बीच किसी भी तरह की बातचीत पर घोर आपत्ति है।
चीन ने विशेष रूप से चेतावनी दी है कि लॉस एंजिल्स में पांच अप्रैल को अमेरिकी संसद के स्पीकर केविन मैककार्थी के साथ होने वाली बैठक पर एक मजबूत प्रतिक्रिया होगी।
साई के दौरे का मकसद यह दिखाना है कि चीन की ओर से सैन्य खतरे के बावजूद ताइवान के पास अब भी सहयोगी हैं और वह इसे राजनयिक रूप से अलग-थलग करने की कोशिश कर रहा है।
ताइवान पर राजनयिक दबाव हाल में बढ़ गया है। होंडुरास ने ताइवान के साथ संबंध समाप्त करने के बाद चीन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित कर लिए है। ताइवान को अब वेटिकन सिटी समेत केवल 13 संप्रभु देश मान्यता देते हैं।
एक अन्य ताइवानी सहयोगी को लुभाने पर साई ने बीजिंग पर ‘डॉलर कूटनीति’ का उपयोग करने का आरोप लगाया।
साई बुधवार को न्यूयॉर्क पहुंचीं और वहां वह बृहस्पतिवार गुरुवार तक रहेंगी, लेकिन यात्रा के बारे में बहुत कम विवरण सार्वजनिक किया गया है।