Breaking News
-
कांग्रेस ने देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के मुद्दे को ध्यान में रखते हुए…
-
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक इन दिनों भारत में हैं। उन्होंने रविवार को दक्षिण…
-
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत और इंडोनेशिया के बीच…
-
आज भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टी20 सीरीज का अंतिम मुकाबला खेला…
-
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में हुई 22 वर्षीय दलित महिला की क्रूर हत्या अब राजनीति…
-
लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री…
-
वाल्मीकि समुदाय और दलित पंचायत के सदस्यों ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद…
-
मुंबई । महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने दावा किया कि शिवसेना (उबाठा) नेता संजय…
-
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रविवार…
-
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने रविवार को कहा कि उनकी द्रविड़ मॉडल सरकार आर्द्रभूमि…
जिउक्वान उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र (जिउक्वान, चीन) । चीन की अंतरिक्ष एजेंसी अपने महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम के तहत बृहस्पतिवार को अंतरिक्ष यान ‘शेनझोउ-18’ को अंतरिक्ष यात्रियों के साथ पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजने की अंतिम तैयारी कर रही है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य 2030 तक लोगों को चंद्रमा पर भेजना है। चाइना मैन्ड स्पेस एजेंसी (सीएमएसए) के उप निदेशक लिन जिकियांग ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि तीन अंतरिक्ष यात्रियों ये गुआंगफू (43), ली कांग (34) और ली गुआंगसु (36) इस मिशन का हिस्सा हैं और ये पहली बार अंतरिक्ष में जायेंगे।
तीन सदस्यीय चालक दल को लेकर अंतरिक्ष यान देश के उत्तर-पश्चिम में गोबी रेगिस्तान के किनारे पर स्थित जिउक्वान उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से रात 8:59 बजे उड़ान भरेगा। दल अंतरिक्ष स्टेशन पर लगभग छह महीने तक रहेगा। लिन जिकियांग ने बताया कि वे वैज्ञानिक परीक्षण करेंगे, अंतरिक्ष स्टेशन पर अंतरिक्ष मलबे के संरक्षण के लिए उपकरण स्थापित करेंगे और अन्य प्रयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि चीन अंततः विदेशी अंतरिक्ष यात्रियों और अंतरिक्ष पर्यटकों को अपने अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंच प्रदान करने की दिशा में काम कर रहा है।
चीन ने 2003 में अपना पहला मानव अंतरिक्ष मिशन शुरू किया था। चीन पूर्व सोवियत संघ और अमेरिका के बाद अपने संसाधनों का इस्तेमाल करके किसी व्यक्ति को अंतरिक्ष में भेजने वाला तीसरा देश बन गया था। चार देश, अमेरिका, रूस, चीन और भारत चांद पर अंतरिक्ष यान उतार चुके हैं।