वाशिंगटन। भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने बुधवार को कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी कई देशों के साथ-साथ अपने ही लोगों के लिए एक ‘‘ विरोधी इकाई’’ बन गई है।
उन्होंने कहा कि ‘चीन री कम्युनिस्ट पार्टी’ (सीसीपी) को यह स्पष्ट करना एक चुनौती है कि उसका बार-बार अंतरराष्ट्रीय कानून और दूसरों की संप्रभुता का उल्लंघन अस्वीकार्य है।
अमेरिकी हवाई क्षेत्र में चीन के एक कथित जासूसी गुब्बारे के प्रवेश करने के बाद कृष्णमूर्ति ने यह बयान दिया। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बुधवार को कहा था कि चीन ने केवल अमेरिका ही नहीं, बल्कि पांच महाद्वीपों के कई देशों की संप्रभुता का उल्लंघन किया है।
गुब्बारा 30 जनवरी को मोंटाना में अमेरिकी हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद कई दिनों तक महाद्वीपीय अमेरिका के ऊपर उड़ता रहा था। अमेरिकी सेना ने अमेरिका के संवेदनशील प्रतिष्ठानों के ऊपर मंडरा रहे चीनी निगरानी गुब्बारे को गिरा दिया था।
चीन ने दावा किया है कि यह मौसम विज्ञान अनुसंधान के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला गुब्बारा था, लेकिन उसने यह बताने से इनकार कर दिया कि यह किस सरकारी विभाग या कंपनी का था।
कृष्णमूर्ति (49) ने चीन पर सदन की नवगठित समिति की पहली बैठक के बाद ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम इसे बर्दाशत नहीं कर सकते। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम (सीपीपी को) स्पष्ट संदेश दें और साथ ही आक्रामकता को रोकें।’’
राजा कृष्णमूर्ति को हाल ही चीन पर सदन की समिति का ‘रैंकिंग सदस्य’ बनाया गया है।
इसका गठन प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी द्वारा 118वीं कांग्रेस (संसद) में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा अमेरिका के समक्ष पेश की जाने वाली – आर्थिक, प्रौद्योगिकी और सुरक्षा- चुनौतियों का सामना करने और उनसे निपटने के तरीकों पर विचार करने के लिये किया गया है।
यह पहली बार है कि किसी भारतीय-अमेरिकी को ‘रैंकिंग सदस्य’ या समिति का अध्यक्ष, सदन या सीनेट में स्थायी समिति या प्रवर समिति का सदस्य बनाया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं इस विशेष पद को पाकर बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं।’’
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कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) कई देशों के साथ-साथ अपने लोगों के लिए भी एक विरोधी इकाई बन गई है। वह अपने ही लोगों के लिए भी इस हद विरोधी बन गई है कि लगातार मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रही है और असंतोष को दबाने की कोशिश कर रही है।’’
समिति की बुधवार को यहां पहली बैठक के दौरान ‘हाउस चाइना कमेटी’ के सदस्यों ने एक-दूसरे को जाना और आगे की रणनीतिक की रूपरेखा तैयार की।
कृष्णमूर्ति ने कहा कि उन्हें लगता है कि समिति अपने मकसद को पूरा कर पाएगी।