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चीन के पांडा विशेषज्ञ सहयोग के दुर्लभ मामले के तहत ताइवान पहुंचे

ताइवान ने एक बीमार पांडा की मदद के लिए चीन के दो विशेषज्ञों को बुलाया है जो दोनों पक्षों के बीच सहयोग का एक तरह का दुर्लभ मामला है।
ताइपे चिड़ियाघर के तुआन तुआन नामक पांडा को घातक ब्रेन ट्यूमर होने का संदेह है जिसके बाद दो चीनी विशेषज्ञ मंगलवार को ताइवान पहुंचे।
इस पांडा और उसकी साथी युआन युआन को 2008 में चिड़ियाघर को बीजिंग की ओर से तब उपहार में दिया गया था जब चीन और ताइवान के बीच संबंध अच्छे थे।

दोनों देश 1949 में गृह युद्ध के चलते विभाजित हो गए थे।
अब दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी खटास हैं और चीन प्राय: यह दावा करता है कि ताइवान उसकी मुख्यभूमि का हिस्सा है।
चीन सद्भावना स्वरूप दूसरे देशों में पांडा भेजता है लेकिन संबंधित जानवरों और उनके शावकों पर अपना स्वामित्व रखता है।
चिड़ियाघर ने एक समाचार विज्ञप्ति में कहा कि तुआन तुआन के एमआरआई से पता चला कि उसे ब्रेन ट्यूमर जैसी बीमारी है जो तेजी से बढ़ रही है।

ताइपे चिड़ियाघर के प्रवक्ता एरिक त्साओ ने कहा कि दोनों पक्ष अपने ज्ञान और अनुभव का इस्तेमाल तुआन तुआन को सर्वश्रेष्ठ उपचार और सर्वोत्तम दैनिक देखभाल प्रदान करने के लिए कर रहे हैं।
पांडा दुनिया की सर्वाधिक जोखिम वाली जानवर प्रजातियों में शामिल हैं। जंगली क्षेत्रों में लगभग 1,800 पांडा हैं, जबकि अन्य 500 पांडा चिड़ियाघरों या अभयारण्यों में हैं जिनमें से अधिकतर सिचुआन क्षेत्र में हैं।

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