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चीन के राष्ट्रपति ने सैनिकों से सीमाओं की रक्षा करते हुए ‘फौलादी ताकत’ बनने को कहा

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सीमा पर तैनात अपने सैनिकों से आह्वान किया है कि वे सीमा रक्षा और नियंत्रण में अपनी क्षमताओं को बढ़ाकर देश की सरहदों पर ‘‘फौलादी ताकत’’ बनाएं। सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की शीर्ष कमान केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के प्रमुख शी (69) ने बुधवार को आंतरिक मंगोलिया स्वायत्त क्षेत्र में सीमा प्रबंधन और नियंत्रण का जायजा लेने के लिए दौरा किया।
सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने शुक्रवार को बताया कि चीनी राष्ट्रपति ने सैनिकों से सीमा रक्षा में नयी मिसाल कायम करने को कहा। उन्होंने सीमा पर तैनात चीनी सैनिकों से देश की सीमाओं पर ‘‘फौलादी ताकत’’ बनने के लिए सीमा रक्षा और नियंत्रण में अपनी क्षमताओं को बढ़ाने का आह्वान किया है।

अपने पूर्ववर्तियों के विपरीत, 2012 में सत्ता में आए शी ने तिब्बत सहित विभिन्न सीमावर्ती क्षेत्रों में नियमित रूप से यात्रा कर सैनिकों से संवाद किया है। वर्ष 2021 में, तिब्बत की अपनी पहली यात्रा के दौरान उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के निकट रणनीतिक रूप से स्थित सीमावर्ती शहर न्यिंगची की एक दुर्लभ यात्रा की।
पीएलए के आंतरिक मंगोलिया सैन्य कमान का दौरा करते हुए शी ने सीमा सैनिकों के बीच एकजुटता सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया।
सीपीसी और सरकारी विभागों, सैन्य, कानून लागू करने वाली एजेंसियों के साथ-साथ सीमा रक्षा में आम लोगों के बीच सहयोग को रेखांकित करते हुए, शी ने देश की सरहद की रक्षा में सभी पक्षों से संयुक्त प्रयासों का आह्वान किया।

शी ने देश की उत्तरी सीमा पर सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने में क्षेत्र के सीमा सैनिकों की भूमिका की सराहना की।
वर्ष 2012 में सत्ता में आने के बाद से सीमा रक्षा कार्यों में चीन की प्रगति की प्रशंसा करते हुए, शी ने कहा कि देश की सीमा पर तैनात सैनिकों ने सैन्य प्रशिक्षण और युद्ध की तैयारियों को बढ़ाया है और सीमा सुरक्षा और सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिरता की पूरी तरह से हिफाजत की है।
उन्होंने कहा कि सैनिकों ने प्रभावी ढंग से चीन की संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हित की रक्षा की है।

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