चीनी नेता शी चिनफिंग ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के मंगलवार को यहां दौरे के दौरान उनके देश के लिये अपना समर्थन व्यक्त किया।
ईरान के राष्ट्रपति ने ऐसे समय में यह यात्रा की है, जब तेहरान परमाणु हथियारों के विकास को लेकर पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बीच चीन व रूस के साथ अपने रिश्तों को विस्तार देने का प्रयास कर रहा है।
रईसी के साथ शी की बैठक के संबंध में चीन के आधिकारिक बयान में इस बात का कोई संकेत नहीं दिया गया कि क्या उन्होंने यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर चर्चा की।
तेहरान ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सरकार को सैन्य ड्रोन की आपूर्ति की थी हालांकि उसने स्पष्ट किया था कि इन्हें युद्ध शुरू होने से पहले भेजा गया था।
शी ने बीजिंग द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली में रईसी की सरकार के लिए समर्थन व्यक्त किया और वैश्विक मामलों में वाशिंगटन के प्रभुत्व की आलोचना की। रूस के साथ-साथ चीन और ईरान खुद को अमेरिकी शक्ति के प्रतिपक्ष के रूप में पेश करते हैं।
चीन के सरकारी टेलीविजन की वेबसाइट के मुताबिक शी ने एक बयान में कहा, “चीन राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा करने में ईरान का समर्थन करता है” और “एकपक्षवाद और धमकाने का विरोध करता है”।
चीन सरकार ने घोषणा की कि शी और रईसी ने व्यापार और पर्यटन सहित 20 सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर किए। ये समझौते तेल, उद्योग और अन्य क्षेत्रों के विकास में सहयोग करने के लिए 2021 में हस्ताक्षरित 25-वर्षीय रणनीति समझौते की अगली कड़ी सरीखे हैं।
चीन ईरानी तेल का सबसे बड़ा खरीदार और निवेश का एक स्रोत है।