सूडान की राजधानी खार्तूम समेत आसपास के इलाकों में शनिवार को सेना और अर्द्धसैनिक बलों के बीच बड़े पैमाने पर संघर्ष हुआ।
गोलीबारी की आवाज राजधानी के मध्य क्षेत्रों के अलावा पड़ोसी शहर बहरी में भी सुनाई दीं।
‘रैपिड सपोर्ट फोर्स’ (आरएसएफ) के रूप में पहचाने जाने वाले अर्धसैनिक बल और सेना के बीच तनाव हाल के महीनों में बढ़ गया है, जिसके चलते देश में लोकतंत्र बहाल करने के लिए राजनीतिक दलों के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थित समझौते पर हस्ताक्षर करने में देरी हो रही है।
शनिवार सुबह जारी एक बयान में आरएसएफ ने आरोप लगाया कि सेना ने दक्षिण खार्तूम स्थित बल के अड्डे पर हमला किया है।
बयान में दावा किया गया है कि सेना ने शहर के हवाई अड्डे और देश के राष्ट्रपति भवन पर ‘‘पूर्ण नियंत्रण’’ कर लिया है।
आरएसएफ ने यह भी दावा किया कि उसने उत्तर-पश्चिम खार्तूम से करीब 350 किलोमीटर दूर स्थित शहर मेरोवे में एक हवाई अड्डे और सैन्य अड्डे को जब्त कर लिया है।
वहीं, सूडानी सेना ने कहा कि संघर्ष तब शुरू हुआ, जब आरएसएफ के जवानों ने राजधानी के दक्षिणी हिस्से में सेना पर हमला करने की कोशिश की।
सेना ने आरएसएफ पर खार्तूम में रणनीतिक स्थानों पर नियंत्रण करने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया।
सेना ने आरएसएफ को एक ‘‘विद्रोही बल’’ घोषित किया और अर्धसैनिक बल के बयानों को ‘‘झूठ’’ करार दिया।
सेना के एक अधिकारी ने बताया कि लड़ाकू विमानों ने एक सैन्य अड्डे से उड़ान भरी और खार्तूम तथा इसके आसपास स्थित आरएसएफ के ठिकानों पर हमला किया।
उल्लेखनीय है कि सूडानी सेना ने अक्टूबर 2021 में तख्तापलट कर सत्ता पर कब्जा कर लिया था और तब से वह एक संप्रभु परिषद के माध्यम से देश चला रही है।