पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकड़ ने सोमवार को पंजाब प्रांत के हिंसा प्रभावित जरांवाला शहर का दौरा किया और उन करीब 100 ईसाई परिवारों को 20-20 लाख (पाकिस्तानी) रुपये का मुआवजा दिया, जिनके घरों को इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ ने 21 गिरजाघरों के साथ पिछले हफ्ते जला दिया था।
पिछले हफ्ते फैसलाबाद जिले के जरांवाला शहर में ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने 21 गिरजाघरों और ईसाइयों के कई घरों में तोड़फोड़ करने के साथ ही आग लगा दी थी। फैसलाबाद पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर से 130 किलोमीटर दूर है। ईसाई कब्रिस्तान और स्थानीय सहायक आयुक्त के दफ्तर में भी तोड़फोड़ की गई थी।
काकड़ ने ईसाई समुदाय के पीड़ितों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए जरांवाला का दौरा किया, जहां उन्होंने प्रभावितों को 20-20 लाख रुपये (6,800 अमेरिकी डॉलर) के चेक बांटे।
उन्होंने देश के सभी अल्पसंख्यक समुदायों को आश्वासन दिया कि सरकार उनके जानमाल की हिफाज़त के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने ईसाइयों के खिलाफ जघन्य हमलों के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने का वादा किया।
उन्होंने कहा, “ अगर कोई अल्पसंख्यकों को नुकसान पहुंचाता है, तो देश का कानून यह सुनिश्चित करने के लिए अपना काम करेगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।”
काकड़ ने भीड़ द्वारा क्षतिग्रस्त किए गए गिरजाघरों और अन्य ढांचों की मरम्मत और पुनर्वास के कामों की समीक्षा भी की।
इस मौके पर पंजाब के कार्यवाहक मुख्यमंत्री मोहसिन नकवी ने कहा कि जरांवाला घटना के मुख्य आरोपियों को पकड़ लिया गया है।उन्होंने कहा, क्षतिग्रस्त गिरजाघरों की मरम्मत करायी जाएगी जबकि सभी प्रभावित परिवारों को मुआवजे के चेक सौंपे जाएंगे।
नकवी ने पहले कहा था, “कम से कम 94 परिवारों को 20-20 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा।
इस रकम से उन्हें हिंसा में क्षतिग्रस्त हुए अपने घरों का पुनर्निर्माण करने में मदद मिलेगी।”
ईसाई नेताओं ने सोमवार को नकवी से कहा कि हिंसा में कम से कम 200 घरों को क्षतिग्रस्त किया गया और सभी को मुआवजा दिया जाना चाहिए।
पुलिस के मुताबिक, पिछले बुधवार को जरांवाला में भीड़ ने कम से कम 20 गिरजाघरों और ईसाइयों के 86 घरों को जला दिया था।
पुलिस ने कहा कि कुरान का अपमान करने के आरोपी दो ईसाइयों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने यह भी बताया कि अब तक 145 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें एक मौलाना भी शामिल है, जिसने पांच मस्जिदों के लाउडस्पीकर से लोगों को ईसाई घरों और गिरजाघरों पर हमले करने के वास्ते उकसाया था।
पुलिस रिपोर्ट में कट्टरपंथी इस्लामी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) से जुड़े लोगों की मौजूदगी का भी संकेत दिया गया है जिन्होंने हमले को अंजाम देने वाली भीड़ का नेतृत्व किया।
इस बीच, जरांवाला में कैथोलिक की अनदेखी को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया।
फैसलाबाद के कैथोलिक डायोसिस के फादर आबिद तनवीर ने कहा किजरांवाला के सैकड़ों कैथोलिक ईसाई क्रिश्चियन कॉलोनी में नकवी का इंतजार करते रह गए, लेकिन मुख्यमंत्री ने समुदाय के एक छोटे से क्षेत्र का दौरा किया और क्रिश्चियन कॉलोनी को नजरअंदाज कर दिया।
तनवीर ने दावा किया कि जरांवाला के सबसे बड़े गिरजाघर कैथोलिक चर्च को जला दिया गया और ध्वस्त कर दिया गया और इलाके में 200 घर क्षतिग्रस्त किए गए, जबकि उनका कीमती सामान भी लूट लिया गया।
पाकिस्तान में ईशनिंदा एक संवेदनशील मुद्दा है, जहां इस्लाम या इस्लामी शख्सियतों का अपमान करने वाले व्यक्ति को मृत्युदंड का सामना करना पड़ सकता है।
सेंटर फॉर सोशल जस्टिस (सीएसजे) के मुताबिक, इस साल 16 अगस्त तक करीब 198 लोगों पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया है, जिनमें से 85 प्रतिशत मुस्लिम, नौ प्रतिशत अहमदी और 4.4 प्रतिशत ईसाई हैं।
पाकिस्तान में ईसाइयों और हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों पर अक्सर ईशनिंदा के आरोप लगते रहे हैं और कुछ पर ईशनिंदा के तहत मुकदमा चलाया गया और उन्हें सजा भी दी गई।