कनाडा के मॉनट्रियल में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने इस संदेश के साथ जैव विविधता पर (सीओपी15) संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन का आगाज़ किया कि “ प्रकृति के बिना हम कुछ भी नहीं हैं। प्रकृति हमारी जीवन रक्षक प्रणाली है। फिर भी ऐसा लगता है कि इंसान इसे तबाह करने पर आमादा है।”
शिखर सम्मेलन में 2020 के बाद, वैश्विक जैव विविधता ढांचे पर बातचीत करने के लिए 190 से अधिक देशों के प्रतिनिधि एक साथ आए।इस ढांचे के कार्यान्वयन के लिए जैव विविधता पर निर्भर और प्रभावित करने वाली वस्तुओं और सेवाओं का हम जिस तरह से उत्पादन, उपभोग और व्यापार करते हैं, उस तरीके में बदलाव लाने की जरूरत होगी।
इसलिए कंपनियां और निवेशक इस पर पूरा ध्यान दे रहे हैं। व्यवसायों और निवेशकों की जैव विविधता और संरक्षण प्रयासों में अहम भूमिका है और उन्हें स्थायी उत्पादन में निवेश करने की आवश्यकताहै।
शिखर सम्मेलन में 14 दिसंबर को वित्त और जैव विविधता दिवस पर, वित्तीय क्षेत्र के वक्ताओं ने नए जैव विविधता ढांचे के साथ वित्तीय निवेश को जोड़ने के विभिन्न तरीकों पर चर्चा की।
इन वित्त वार्ताओं की प्रत्याशा में, प्रकृति से संबंधित जोखिमों और अवसरों पर निवेशकों के उपायों का प्रबंध करने के लिए एक नई वैश्विक सहभागिता पहल, ‘नेचर एक्शन 100’ शुरू की गई।
सतत वित्त का विद्यार्थी होने के नाते मेरा मानना है कि ये पहल और चर्चाएं अहम हैं, जबकिजैव विविधता को हुए नुकसान की भरपाई के लिए हमें प्रकृति के अनुकूल समाधानों में अधिक लक्षित और तत्काल निवेश की जरूरत है।
प्रकृति के बिना, हम कुछ भी नहीं हैं
कई वैज्ञानिक अध्ययन जैव विविधता के नुकसान की दर को लेकर चिंताजनक आंकड़ें प्रस्तुत करते हैं। ‘लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट’2022 बताती है कि 1970 के बाद से वन्यजीव आबादी में औसतन 69 प्रतिशत की गिरावट हुई है। इस प्रकार मानव गतिविधियों की वजह से जैव विविधता को नुकसानऔर जलवायु परिवर्तन का दोहरा संकट है।
जलवायु संकट की वजह से पेरिस समझौता हुआ। इसके विपरीत जैव विविधता के नुकसान पर अब तक बहुत कम ध्यान दिया गया है। हालांकि, जैव विविधता के नुकसान से खतरे बहुत अधिक हैं।
ओईसीडी की एक रिपोर्ट के अनुसार, जैव विविधता से पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं, जैसे फसल परागण, जल शोधन, बाढ़ संरक्षण और कार्बन प्रच्छादन का प्रति वर्ष अनुमानित मूल्य 125 हजार से 140 हजार अरब डॉलर के बराबर है। इस वैश्विक रकम का प्रति वर्ष लगभग 44 हजार अरब डॉलर प्रकृति पर निर्भर है।
जैव विविधता हानि को कम करना
साल 2020 में आई नीति निर्माताओं के लिए जैव विविधता सम्मेलन की पांचवीं वैश्विक जैव विविधता आउटलुक सारांश रिपोर्ट, जैव विविधता को पहला जैसा करने के लिए कई उपायों का सुझाव देती है।
इनमें भूक्षेत्र और समुद्री तट के पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करना,उत्पादकता-बढ़ाने वाले अभिनव दृष्टिकोणों के माध्यम से कृषि प्रणालियों को फिर से डिज़ाइन करना, हरित बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल करना, टिकाऊ और स्वस्थ आहार को समर्थ बनाना और जीवष्म ईंधन के इस्तेमाल को तेजी से खत्म करना शामिल है।
व्यवसायों और निवेशकों को इनमें से प्रत्येक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होती है, खासकर तब जब अधिक टिकाऊ उत्पादन और निर्माण प्रक्रियाओं में बदलाव, ऊर्जा दक्षता और अपशिष्ट में कमी, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में निवेश करने की बात आती है। साथ में उन्हें जलवायु समाधान के लिए भी निवेश करना होगा क्योंकि यह भी जैव विविधता पर समर्थन करता है।
वित्त की दुनिया में जैव विविधता जागरूकता
वित्त समुदाय में जैव विविधता के खतरों के बारे में जागरुकता ज्यादा नहीं है।
गैर-लाभकारी सीडीपी ने इस साल जैव विविधता के प्रति कंपनियों के दृष्टिकोण का आकलन करने के लिए नए प्रश्न शामिल किए।
ये दुनिया की पर्यावरण प्रकटीकरण प्रणाली का संचालन करती है।
नतीजे बताते हैं कि 7,700 प्रतिवादी कंपनियों में से तीन-चौथाई कंपनियां जैव विविधता पर अपने प्रभाव का आकलन नहीं करती हैं।
परिधान और विनिर्माण जैसे प्रकृति को नुकसान पहुंचाने क्षेत्रों की अधिकांश कंपनियां अब भी जैव विविधता को हानि और पर्यावरणीय गिरावट को रोकने के लिए सार्थक कदम उठाने में नाकाम रही हैं।
हालांकि सीडीपी सर्वेक्षण में 31 प्रतिशत कंपनियों ने जैव विविधता से संबंधित पहलों का समर्थन करने की प्रतिबद्धता जताई है और 25 प्रतिशत कंपनियां अगले दो वर्षों के भीतर ऐसा करने की योजना बना रही हैं।
वित्तीय निर्णयों में जैव विविधता को शामिल करना
निवेशकों और ऋण प्रदाताओं के सामने एक प्रमुख चुनौती धन आवंटन पर फैसले लेने के लिए उन्हें साक्ष्य आधारित आंकड़े हासिल करने में परेशानी होती है।
हाल में शुरू की गई अंतरराष्ट्रीय पहल ‘ टास्कफोर्स नेचर रिलेटिड फाइनेंशल डिस्क्लोजर’ प्रकृति से संबंधित वित्तीय जोखिमों की रिपोर्ट करने और उन पर कार्रवाई करने के लिए संगठनों के वास्ते एक जोखिम प्रबंधन और प्रकटीकरण ढांचा विकसित कर रहा है।
जैव विविधता वित्तीय नीति निर्माताओं का भी ध्यान आकर्षित कर रही है।
मार्च 2022 में, 120 से अधिक केंद्रीय बैंकों और पर्यवेक्षकों के संगठन ‘नेटवर्क फॉर ग्रीनिंग द फाइनेंशियल सिस्टम’ ने एक नया बयान जारी किया था। इस बयान में यह स्वीकार किया गया कि जैव विविधता को नुकसान पहुंचने से आर्थिक और वित्तीय स्थिरता खतरे में पड़ सकती है।
प्रकृति पर कंपनियों के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए उन्हें साथ जोड़ना परिवर्तन के लिए एक शक्तिशाली उपकरण हो सकता है।
हमें प्रकृति के अनुकूल समाधानों में और अधिक लक्षित निवेश को प्रोत्साहित करने की जरूरत है जो जैव विविधता के नुकसान की भरपाई कर सके। इसके लिए हमें जल के नीचे जीवन और भूमि पर जीवन में और अधिक निवेश की जरूरत है।