चीन में पाबंदियों में छूट के बाद कोरोना फिर से हराने लगा है। मरीजों की संख्या में खतरनाक तरीके से इजाफा हुआ है। दवा की दुकानों पर लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं। कमी के कारण कई जरूरी दवाओं की कीमतें आसमान बने लगी है। कोहि में उछाल को देखते हुए चिनफिंग सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने का प्रयास कर रही है। इसके तहत अस्पतालों में बड़े पैमाने पर आईसीयू खोले जा रहे हैं। सरकार ने साफ किया है कि कोरोना वायरस के प्रसार को हर हाल में रोकेंगे, लेकिन विरोध-प्रदर्शनों को देखते हुए लाकडाउन या क्वारंटीन जैसे सख्त नियम फिर से लागू करना आसान नहीं है।
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दवाओं की हो रही किल्लत
चीन में मेडिकल सप्लाई ठप पड़ी है। दवा की दुकानों पर लोगों की लंबी कतारें देखी जा रही है। हालात इतनी बुरी नजर आ रही है कि लोगों को दवा और अन्य मेडिकल संसाधनों के लिए उधर-उधर भटकने की नौबत आ गई है। वहीं जहां ये सामान उपलब्ध भी नजर आ रहे हैं वहां इनकी कीमतें आसमान पर हैं। इसी कमी के मद्देनजर कोविड प्रतिबंधों में ढील देने की घोषणा की गई है।
आईसीयू की संख्या बढ़ाई
कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर चीन अस्पतालों में व्यवस्था को दुरुस्त करने की कोशिश कर रहा है और इसने गहन चिकित्सा इकाइयों (आईसीयू) की संख्या बढ़ा दी है। यह व्यवस्था वायरस रोधी पाबंदियों को वापस लेने के बाद की गई है, जिसने लोगों को उनके घर में बंद रहने के लिए मजबूर कर दिया था तथा आर्थिक विकास को भी धीमा कर दिया था और इसके विरोध में प्रदर्शन भी हुए थे। सरकारी मीडिया के अनुसार, महामारी के मामलों में वृद्धि के चलते अस्पतालों में आईसीयू की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि उत्पन्न स्थिति से निपटा जा सके। चीन में महामारी के 10,815 नए मामले सामने आए जिनमें 8,477 मामले बिना लक्षण वाले हैं।