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पेरिस । फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सोमवार को घोषणा की कि वैश्विक दानदाताओं ने युद्धग्रस्त सूडान को दो अरब यूरो से अधिक की सहायता देने का वादा किया है। सूडान में एक साल से जारी युद्ध के कारण देश के लोग अकाल के कगार पर पहुंच गए हैं। मैक्रों ने पेरिस में सूडान के लोगों के लिए समर्थन जुटाने के उद्देश्य से हुए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के अंत में यह बात कही।
उन्होंने इस वित्तीय मदद की कोई विस्तृत समयसीमा या ब्यौरा नहीं दिया। सम्मेलन में एकत्र हुए शीर्ष राजनयिक राजनयिकों, संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों और सहायता एजेंसियों ने अंतिम बयान में सूडान के युद्धरत पक्षकारों से मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने और मानवीय सहायता तक पहुंच की अनुमति देने का भी आग्रह किया। सूडान के नागरिक समाज के सदस्यों ने पेरिस में हुई इस बैठक में भाग लिया, लेकिन न तो सूडानी सेना और न ही उसके प्रतिद्वंद्वी अर्धसैनिक बल का इस बैठक में कोई प्रतिनिधित्व रहा।
सूडान में पिछले साल अप्रैल से उस समय संघर्ष शुरू हुए, जब सेना और अर्धसैनिक ‘रैपिड सपोर्ट फोर्सेज’ के बीच बढ़ते तनाव ने राजधानी खार्तूम और देश भर में अन्य जगहों पर खुली लड़ाई का रूप ले लिया। इस युद्ध में 14,000 से अधिक लोग मारे गए हैं और कम से कम 33,000 घायल हुए हैं। मैक्रों ने इसे ‘‘दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकटों में से एक’’ करार देते हुए कहा कि इसने ‘‘अकाल का वास्तविक खतरा’’ पैदा कर दिया है।
उन्होंने सोमवार के सम्मेलन के बाद कहा, ‘‘हम सूडान के लिए दो अरब यूरो देने को तैयार हैं।’’ संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उदारतापूर्वक दान करने और ‘‘रक्तपात के दुःस्वप्न’’ में फंसे सूडानी लोगों की मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र के जीवन-रक्षक प्रयासों में सहयोग करने का आग्रह किया।