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मेरे अब्बू को कुछ हुआ तो पीएम मोदी…पिता यासीन मलिक के नक्शे-कदम पर चली बेटी, 11 साल की उम्र से ही जहर उगलने लगी

दहशतगर्द मुल्क पाकिस्तान ने एक बार फिर अपने लाभ के लिए नाबालिगों का उपयोग करके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को बदनाम करने के लिए नए प्रोपगेंडा का सहारा लिया है। पाकिस्तान की योजना में आतंकवादी यासीन मलिक की 11 वर्षीय बेटी रजिया सुल्तान अब शामिल है, जिसे पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) की संसद में “लिखित स्क्रिप्ट” से भारत के खिलाफ निराधार आरोप लगाने के लिए खुला मंच दिया गया।

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यासीन मलिक जिसने एक दर्जन से अधिक लोगों की हत्या की थी और जो कश्मीर घाटी में आतंकवाद को बढ़ाने के पीछे था, उसे रजिया ने निर्दोष बताया और पाकिस्तान के ‘आजादी’ के एजेंडे का समर्थन किया। एक लिखित स्क्रिप्ट पढ़ते हुए, उन्होंने यह भी कहा कि 05 अगस्त 2019 को की गई कार्रवाई यानी अनुच्छेद 370 और 35 ए को निरस्त करना स्वीकार्य नहीं है। रजिया ने कहा कि मैं 15 अगस्त 2019 की भारत की कानूनी कार्रवाई को अस्वीकार करती हूं। अगर मेरे पिता को किसी भी तरह का नुकसान होता है तो मैं आपको दोषी ठहराऊंगी। मैं संयुक्त राष्ट्र और सभी मानवाधिकार संगठनों से अनुरोध करती हूं। 

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यह पहली बार नहीं है कि पाकिस्तान ने अपने प्रचार के लिए नाबालिगों का इस्तेमाल किया है। पहले पीओजेके से बच्चों को आतंकी प्रशिक्षण के लिए अपहरण कर लिया जाता था और कई मामलों में आतंकी घुसपैठ के मार्ग स्थापित करने के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में सीमा के भारतीय क्षेत्र में भेजा जाता था। जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक को पिछले साल 25 मई को दिल्ली की एक अदालत ने 2017 में कश्मीर घाटी में आतंकवादी और अलगाववादी गतिविधियों से संबंधित एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बाद में एनआईए ने मामले में यासीन मलिक को मौत की सजा के लिए ऊपरी अदालत का रुख किया। 

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