नाइजर में तख्तापलट करने वाली सेना को लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति को बहाल करने के लिए दी गई समयसीमा रविवार को समाप्त हो रही है। इस बीच, ऐसा न करने पर सैन्य हस्तक्षेप की धमकी देने वाले पश्चिमी अफ्रीका क्षेत्रीय संगठन से अधिक शांतिपूर्ण तरीके अपनाने की अपील की जा रही है।
पड़ोसी नाइजीरिया की सीनेट ने शनिवार को क्षेत्रीय ब्लॉक इकोनॉमिक कम्युनिटी ऑफ वेस्टर्न अफ्रीकन स्टेट्स (ईसीओडब्ल्यूएएस) की योजना का विरोध किया है और ब्लॉक के वर्तमान अध्यक्ष नाइजीरियाई राष्ट्रपति से बल प्रयोग से इतर विकल्प तलाशने का आग्रह किया।
ईसीओडब्ल्यूएएस नाइजीरिया के विरोध के बावजूद आगे बढ़ सकती है, क्योंकि अंतिम फैसला सदस्य देशों द्वारा सर्वसम्मति से लिया जाता है, लेकिन रविवार की तय समयसीमा की पूर्व संध्या पर जारी चेतावनी हस्तक्षेप को लेकर सवाल पैदा करती है।
नाइजर के पड़ोसी देश अल्जीरिया और चाड ईसीओडब्ल्यूएएस के सदस्य नहीं हैं तथा इलाके में मजबूत सैन्य शक्ति हैं। दोनों देशों ने कहा है कि वे बल प्रयोग का विरोध करेंगे या सैन्य हस्तक्षेप नहीं करेंगे जबकि नाइजर के दो अन्य पड़ोसियों और मौजूदा समय में सैन्य शासन के अधीन देश- माली और बुर्किना फासो ने कहा है कि हस्तक्षेप उनके खिलाफ ‘युद्ध की घोषणा’ के समान होगा।
नाइजर के अपदस्थ राष्ट्रपति मोहमद बाजोउम ने कहा कि उन्हें बागी सैनिकों ने ‘बंधक’ बनाकर रखा है।
ईसीओडब्ल्यूएएस का प्रतिनिधिमंडल जुंटा नेता जनरल अब्दौउरहमान त्चियानी से मिलने में असफल रहा।
अब जुंटा शासन ने रूसी निजी सेना वैगनर से सहायता के लिए संपर्क किया है और पूर्व औपनिवेशिक ताकत फ्रांस से हुए सुरक्षा समझौते से किनारा करते दिख रहा है।रविवार की समय सीमा समाप्त होने के घंटों पहले सैकड़ों की संख्या में युवा सुरक्षाकर्मियों के साथ आ गए और नाइजर की राजधानी नियामी की सड़कों की सुरक्षा अपने हाथ में ले ली। वे शहर से गुजर रहे वाहनों की जांच कर रहे हैं, ताकि जुंटा के आह्वान के तहत सुनिश्चित कर सकें कि कोई विदेशी हस्तक्षेप एवं जासूस सफल न हो सके।