प्रभावशाली इराकी शिया मौलवी एवं राजनीतिक नेता मुक्तदा अल-सद्र ने अपने कुछ अनुयायियों में ‘भ्रष्टाचार’ का हवाला देते हुए शुक्रवार को घोषणा की कि वह एक साल के लिए अपना आंदोलन स्थगित कर देंगे।
‘ऑनर्स ऑफ द कॉज’ नामक समूह का मानना है कि अल-सद्र शियाओं के धर्मगुरु इमाम माहदी हैं। ऐसा समझा जाता है कि इमाम माहदी 1000 साल से अधिक पहले गायब हो गये थे और जिनके दुनिया से बुराई मिटाने के लिए विश्वासी लोगों की फौज का नेतृत्व करने की खातिर वापस लौटने की उम्मीद की जा रही है।
इराक की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने शुक्रवार को घोषणा की कि एक जांच अदालत ने ऑनर्स ऑफ द कॉज के 65 कथित सदस्यों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था। परिषद के अनुसार, अदालत ने इसे एक विघटनकारी गिरोह के रूप में वर्णित किया है।
अल-सद्र ने कहा कि वह शुक्रवार की प्रार्थना जैसी धार्मिक गतिविधियों को छोड़कर आंदोलन की सभी गतिविधियों पर रोक लगा देंगे।
अल-सद्र ने कैबिनेट गठन में लगभग एक साल के गतिरोध के बाद पिछले अगस्त में राजनीति से इस्तीफा दे दिया था। उनकी पार्टी ने अक्टूबर 2021 के संसदीय चुनावों में काफी सीट हासिल की थी, लेकिन बहुमत के लिए यह संख्या पर्याप्त नहीं थी।
अपने ईरान समर्थित शिया प्रतिद्वंद्वियों के साथ बातचीत करने से अल-सद्र के इनकार और उनके वार्ता से हट जाने के बाद देश में राजनीतिक अनिश्चितता और अस्थिरता के बीच शियाओं में अंदरुनी तकरार शुरू हो गयी थी।
अल-सद्र द्वारा राजनीति से इस्तीफे की घोषणा के बाद, उनके सैकड़ों नाराज अनुयायियों ने सरकारी महल पर धावा बोल दिया और सुरक्षा बलों से भिड़ गए जिसमें कम से कम 15 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई।