अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने अपने सलाहकारों को निर्देश दिए है कि अगर ईरान उनकी हत्या करता है तो उसे तबाह कर दिया जाए। ट्रंप ने कहा कि मैंने निर्देश दिए हैं कि अगर वे ऐसा करते हैं, तो उन्हें तबाह कर दिया जाए, जिसके बाद कुछ भी नहीं बचेगा। अमेरिका के न्याय विभाग ने नवंबर में आरोप लगाए थे कि राष्ट्रपति पद के चुनाव से पहले ईरान ने ट्रंप की हत्या की साजिश रची थी जिसे नाकाम कर दिया गया। ट्रंप ने ईरान से समझौता करने की पेशकश की, लेकिन साथ ही यह भी चेतावनी दी कि अगर ईरान नहीं मानता है, तो यह उसके घातक साबित होगा। इसके अलावा, उन्होंने ईरान की तेल बिक्री को रोकने के लिए उस पर ज्यादा से ज्यादा दबाव डालने का आदेश दिया। ट्रंप ने कहा कि हम फिर से कड़े प्रतिबंध लगाएंगे, ईरान के तेल निर्यात को शून्य कर देंगे और टेरर फंडिंग को खत्म करेंगे। उन्होंने अमेरिका को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) से अलग कर दिया।
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अमेरिका के साथ वार्ता बुद्धिमानी, समझदारी या सम्मानजनक नहीं
ईरान के साथ परमाणु वार्ता की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पेशकश के बाद सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका के साथ वार्ता बुद्धिमानी, समझदारी या सम्मानजनक नहीं है। खामेनेई ने यह भी कहा कि ऐसी सरकार के साथ कोई बातचीत नहीं होनी चाहिए , लेकिन उन्होंने अमेरिका से बातचीत न करने का सीधा आदेश जारी करने से परहेज किया। तेहरान खामेनेई पश्चिमी देशों के साथ बातचीत के बारे में हमेशा सावधानीपूर्वक बयान देते हैं।
ईरान के साथ समझौता करने को तैयार ट्रंप लेकिन
ट्रंप ने ईरान पर अधिकतम दबाव बनाने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करते समय कहा था कि वह तेहरान के साथ समझौता चाहते हैं। उन्होंने ओवल ऑफिस से कहा था मैं इसपर (कार्यकारी आदेश) हस्ताक्षर करने जा रहा हूं, लेकिन उम्मीद है कि हम इसपर बहुत जल्द अमल नहीं करेंगे। हम देखेंगे कि हम ईरान के साथ कोई समझौता कर पाते हैं या नहीं। ट्रंप ने कहा था, हम ईरान के प्रति सख्ती नहीं चाहते। हम किसी के प्रति भी सख्ती नहीं चाहते। लेकिन उनके पास परमाणु बम नहीं होना चाहिए। ट्रंप ने बुधवार को एक अन्य ऑनलाइन संदेश में कहा था, ऐसी खबरें बहुत ही अतिशयोक्तिपूर्ण हैं कि अमेरिका, इजराइल के साथ मिलकर ईरान को ध्वस्त करने जा रहा है।” उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, मैं एक परमाणु शांति समझौता अधिक पसंद करूंगा, जिससे ईरान का शांतिपूर्वक विकास होगा और वहां समृद्धि आएगी।