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Prabhasakshi Exclusive: Israel-Hamas Ceasefire का श्रेय Joe Biden को जाता है या Donald Trump को?

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि इजराइल और हमास के बीच हुए संघर्षविराम को आप कैसे देखते हैं? साथ ही डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति पद संभालने से पहले हुए इस समझौते से क्या संदेश गया है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि यह संघर्षविराम नये साल पर एक नई शुरुआत की तरह है क्योंकि हिंसा से कभी मुद्दे हल नहीं हुआ करते। हालांकि हमास ने जो आतंकवादी कृत्य किया था उसका सबक सिखाया जाना जरूरी था लेकिन इस दौरान बड़ी संख्या में आम लोग भी हताहत हुए और गाजा में जो लोग बचे हैं उनके समक्ष जीवन को दोबारा शुरू करने की कठिन चुनौती है। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के आने से पहले यह जो समझौता हुआ है उसका श्रेय लेने के लिए बाइडन और ट्रंप की टीमें तमाम दावे कर रही हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता कि बाइडन ने यह समझौता कराने के लिए काफी प्रयास किये थे और इसी के चलते लंबे समय से बैठकों का दौर चल रहा था। उन्होंने कहा कि हालांकि बंधकों की रिहाई के मुद्दे पर ट्रंप ने जिस तरह की चेतावनी दी उसके चलते यह समझौता आसानी से हो गया।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि यह संघर्षविराम समझौता ‘एक महत्वपूर्ण पहला कदम’ है। उन्होंने कहा कि फलस्तीनियों, इजराइलियों और व्यापक क्षेत्र के बेहतर भविष्य के लिए एक विश्वसनीय राजनीतिक मार्ग स्थापित करने के लिए इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इजराइल और हमास के बीच 15 महीने तक चले हिंसक संघर्ष में एक महत्वपूर्ण सफलता के रूप में दोनों पक्ष एक संघर्षविराम समझौते पर सहमत हुए हैं जो गाजा में आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाए गए लोगों और इजराइल में सैंकड़ों फिलस्तीनी कैदियों की रिहाई का रास्ता साफ करता है। उन्होंने इस समझौते को आगे बढ़ाने में मध्यस्थों- मिस्र, कतर और अमेरिका के प्रयासों के लिए उनकी सराहना की।

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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि यह वह खबर है जिसका इजराइल और फलस्तीनी लोग इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि युद्ध विराम से अब गाजा में पीड़ा को समाप्त करने के लिए आवश्यक मानवीय सहायता में भारी वृद्धि हो सकेगी। उन्होंने कहा कि गाजा के लोगों ने इस संघर्ष का खामियाजा भुगता है। यह हमास के क्रूर आतंकवादियों द्वारा शुरू किया गया था, जिन्होंने सात अक्टूबर 2023 को ‘होलोकॉस्ट’ के बाद से यहूदी लोगों का सबसे घातक नरसंहार किया था। उन्होंने कहा कि वह बंधक, जिन्हें उस दिन क्रूरतापूर्वक उनके घरों से निकाल दिया गया था और तब से अकल्पनीय परिस्थितियों में बंदी बनाकर रखा गया था, अब अंततः अपने परिवारों के पास लौट सकते हैं। उन्होंने कहा कि उन निर्दोष फिलस्तीनियों के लिए जिनके घर रातोंरात युद्धक्षेत्र में बदल गए और जिन लोगों ने अपनी जान गंवा दी, इस युद्ध विराम से मानवीय सहायता में भारी वृद्धि होगी, जो गाजा में पीड़ा को समाप्त करने के लिए अत्यंत आवश्यक है।

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