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Donald Trump की जान भगवान जगन्नाथ ने बचाई! क्या है 48 साल पुरानी रथ यात्रा की कहानी

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर फायरिंग हुई। उनके दाए कान पर गोली लगी। इस समय तक ट्रंप को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है। उनको किसी तरह का कोई खतरा नहीं।  शूटर को सुरक्षाकर्मी ने मार दिया। अमेरिका में चुनाव से ठीक पहले हुए इस हमले का राष्ट्रपति चुनाव पर असर पड़ना तय माना जा रहा है। राष्ट्रपति जो बाइडेन की उम्मीदवारी पर सवाल बरकरार है। ट्रंप ने चुनाव लड़ा तो उन्हें सहानभूति के वोट मिल सकते हैं। दावा है कि इस हमले में ट्रंप की जान बचने और भगवान जगन्नाथ की यात्रा के पीछे कनेक्शन है। दरअसल, आज से करीब 48 साल पहले ट्रंप ने जगन्नाथ यात्रा के लिए एक बड़ा फैसला लिया था। आज 2024 में ट्रंप की हत्या की कोशिश हुई और वो बाल-बाल बच गए। इसे जगन्नाथ यात्र से जोड़कर देखा जा रहा है। आप इसे संयोग कह सकते हैं। लेकिन जगन्नाथ के भक्त मानते हैं कि किसी दैवीय हस्तक्षेप। आइए जानते हैं कि ट्रंप ने साल 1976 में ऐसा क्या किया था जिसने उन्हें 48 साल बाद हमलावर की गोली से बचा लिया। 

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ट्रंप और जगन्नाथ यात्रा के बीच का कनेक्शन

लगभग 48 साल पहले की बात है। इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) न्यूयॉर्क शहर में पहली रथ यात्रा आयोजित करने की योजना बना रहा था, लेकिन इसमें चुनौतियां बहुत अधिक थीं। फिफ्थ एवेन्यू में परेड परमिट मिलना तो किसी चमत्कार से कम नहीं था। एक विशाल खाली जगह ढूंढना जहां रथों का निर्माण किया जा सके, ये तो कतई भी आसान नहीं रहने वाला था। हर संभव व्यक्ति के दरवाजे खटखटाए गए, लेकिन सभी जगह से निराश ही हाथ लगी। ये वो दौर था जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प कृष्ण भक्तों के लिए उम्मीद की किरण बनकर सामने आए।

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ट्रंप की हां 

 न्यूयॉर्क में भक्त पहली बड़ी रथ यात्रा की योजना बना रहे थे। डिस्कवर हरे कृष्णा ने एक फेसबुक पोस्ट में उल्लेख किया करते हुए बताया कि हमें फिफ्थ एवेन्यू के उपयोग की अनुमति थी, जो वास्तव में एक बड़ी बात है। लेकिन विशाल लकड़ी की गाड़ियां बनाने के लिए हमें परेड मार्ग के करीब एक खाली जगह की जरूरत थी। हमने जिससे भी पूछा, हर जगह से निराशा ही हाथ लगी। वे बीमा जोखिम आदि के बारे में चिंतित थे। चरम पर पहुंची भक्तों की मायूसी, उस वक्त बिखरने लगी जब लगभग सभी जगह से निराशा मिलने लगी। फिर एक फर्म मालिक जिनसे भी संपर्क किया गया उसने कथित तौर पर कहा कि वे पेंसिल्वेनिया रेल यार्ड में संपत्ति बेचने की प्रक्रिया में हैं। कुछ दिनों बाद किसी ने उन्हें बताया कि डोनाल्ड ट्रंप ने पुराने रेलवे यार्ड को खरीद लिया है। फिर, भक्त महाप्रसादम की एक बड़ी टोकरी और एक भेंट पैकेज लेकर उनके कार्यालय गए। उनके सचिव ने इसे ले लिया लेकिन भक्तों को चेतावनी दी, “वह इस तरह की बात के लिए कभी सहमत नहीं होते। आप पूछ सकते हैं लेकिन वह नहीं कहने जा रहे हैं। हमारे मन में ये था कि महाप्रभु में विश्वास रखो और चमत्कार होना ही था! तीन दिन बाद, ट्रम्प के सचिव ने भक्तों को यह कहते हुए बुलाया, “मुझे नहीं पता कि क्या हुआ लेकिन उन्होंने आपका पत्र पढ़ा, आपके द्वारा छोड़े गए महाप्रसादम में से थोड़ा सा लिया और तुरंत कहा हां, क्यों नहीं?  

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