पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को एक संशोधित संघीय अभियोग का सामना करना पड़ा, जिसमें उन पर अवैध तरीकों से 2020 के चुनाव में अपनी हार को पलटने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया। हालांकि आरोप, उनके खिलाफ पहले लगाए गए आरोपों के समान हैं, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के जवाब में कम कर दिए गए हैं, जो पूर्व राष्ट्रपतियों को पद पर रहते हुए किए गए कार्यों के लिए आपराधिक मुकदमा चलाने से व्यापक छूट देता है।
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सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने तीन के मुकाबले छह के बहुमत से फैसला सुनाया था कि इस संबंध में आरोपों से ट्रंप को पूरी तरह छूट प्राप्त है। उच्चतम न्यायलय ने अभियोजकों और बचाव पक्ष के वकीलों को यह बताने को कहा था कि ‘व्हाइट हाउस’ (अमेरिकी के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) के आधिकारिक कृत्यों को लेकर पूर्व राष्ट्रपतियों को अभियोजन से संभावित छूट संबंधी उसके फैसले के बाद वे मामले में कैसे आगे बढ़ना चाहते हैं।
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यह बताने के लिए दी गई समयसीमा से तीन दिन पहले विशेष वकील जैक स्मिथ ने नए सिरे से अभियोग दायर किया। ट्रंप ने सोशल मीडिया मंच ट्रुथ सोशल पर साझा किए बयान में नए अभियोग को ‘‘हताशा में उठाया गया कदम’’ बताया और कहा कि यह अभियोग उन्हें निशाना बनाने की एक और कोशिश है। उन्होंने कहा कि नए अभियोग में भी ‘‘वे सभी समस्याएं हैं जो पुराने अभियोग में थीं और इसे तुरंत खारिज कर दिया जाना चाहिए।