स्व-निर्वासन में चार साल बिताने के बाद शनिवार को स्वदेश लौटे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि उनकी इच्छा प्रतिशोध की राजनीति करने की नहीं है, बल्कि वह देश को मुश्किल आर्थिक हालात से निकालकर विकास की राह पर दोबारा ले जाना चाहते हैं।
लाहौर में मीनार-ए-पाकिस्तान में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष 73 वर्षीय शरीफ ने देश के खराब आर्थिक हालात पर अफसोस जताया और पाकिस्तान को एक विकसित देश बनाने का संकल्प लिया।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बदला लेने की कोई इच्छा नहीं है, नवाज़ शरीफ केवल लोगों की भलाई चाहता है।’’
शरीफ ने कहा कि अगर पाकिस्तान को उसके 1990 के आर्थिक मॉडल पर आगे बढ़ाया जाता, तो एक भी व्यक्ति बेरोजगार नहीं होता और देश में गरीबी जैसी कोई चीज नहीं होती।
शरीफ ने कहा, ‘‘लेकिन आज हालात इतने खराब हैं कि सोचना पड़ता है कि क्या वे अपने बच्चों को खाना खिला सकेंगे या बिजली का बिल भर सकेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्या इसीलिए आपने मुझे बाहर कर दिया? हम पाकिस्तान को ‘एशियन टाइगर’ बना रहे थे, हम पाकिस्तान को जी20 में ले जाना चाहते हैं।’’
पाकिस्तान के तीन बार के प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के लोगों की कठिनाइयों को खत्म करने के लिए एक योजना की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमें एक नयी यात्रा शुरू करने की जरूरत है। हमें यह तय करना होगा कि हमें अपना खोया हुआ स्थान कैसे वापस पाना है, हमें दोगुनी गति से कैसे दौड़ना है, हमें भीख मांगने का कटोरा हमेशा के लिए कैसे त्यागना है, हमें अपने पैरों पर कैसे खड़ा होना है… हम कैसे कश्मीर मुद्दे पर मजबूत विदेश नीति बनाएं, और दुनिया से अच्छे रिश्ते बनाने होंगे।’’
भारत का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, ‘‘पड़ोसियों से लड़कर हम प्रगति नहीं कर सकते।
हमें प्रभावी विदेश नीति अपनानी होगी, अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने होंगे क्योंकि इसके बिना देश प्रगति नहीं कर सकता।’’
शरीफ ने कहा कि अगर पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) अलग नहीं हुआ होता तो आज पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान के बीच एक आर्थिक गलियारा होता।
विश्लेषकों का कहना है कि शरीफ ने ‘‘भारत के साथ संबंध बहाल करने पर नीतिगत बयान’’ दिया है, जिन्हें मजबूत सैन्य प्रतिष्ठान द्वारा पाकिस्तान का अगला प्रधान मंत्री माना जा रहा है।
डॉन अखबार की खबर के मुताबिक, शरीफ ने कहा कि उन्होंने कभी अपने समर्थकों को धोखा नहीं दिया और न ही किसी तरह का बलिदान देने से पीछे हटे। उन्होंने कहा, ‘‘आज कई सालों बाद आपसे मिल रहा हूं, पर आप सभी से मेरा प्यार का रिश्ता वैसा ही है।
इस रिश्ते में कोई बदलाव नहीं आया है।’’
रैली से पहले उनके भाई और पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि पीएमएल-एन सुप्रीमो एकजुट होने और पाकिस्तान को पटरी पर लाने के लिए वापस आ रहे हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ मेरे नेता नवाज शरीवफ आज आपके बीच होंगे, इंशाअल्लाह। वह इस देश को एकजुट करने के लिए वापस आ रहे हैं, इसे और विभाजित करने के लिए नहीं। वह अपने लोगों के बीच नफरत नहीं बल्कि प्यार फैलाने के लिए वापस आ रहे हैं।’’
नवाज शरीफ ने मीनार-ए-पाकिस्तान में भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं आज कई सालों बाद आप लोगों के सामने हूं, लेकिन मेरा आपसे प्यार का रिश्ता वैसा ही है। इस रिश्ते में कोई अंतर नहीं आया है।’’ यह वही स्थान है जहां ऑल इंडिया मुस्लिम लीग ने 23 मार्च, 1940 को लाहौर प्रस्ताव पारित किया था जो ब्रिटिश भारत के मुसलमानों के लिए एक अलग और स्वतंत्र देश के लिए पहला आधिकारिक आह्वान था।
शरीफ ने कहा, ‘‘मैं आपकी आंखों में जो प्यार देख रहा हूं, मुझे उस पर गर्व है।’’ शरीफ ने कहा कि जनता का प्यार देखकर वह अतीत को भूल गये हैं।
शरीफ ने कहा कि उनके घाव भरने में समय लगेगा लेकिन कहा, ‘‘मुझे बदला लेने की कोई इच्छा नहीं है, नवाज़ शरीफ़ केवल लोगों की भलाई चाहते हैं।’’
उनकी यह टिप्पणी मायने रखती है कि उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी इमरान खान जेल में हैं और वह 150 से अधिक मामलों का सामना कर रहे हैं।
शरीफ ने अपनी बेटी मरयम को एक तरह से अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित करते हुए कहा, मैं इस माटी का लाल हूं, मरियम इस माटी की बेटी है।’’49 वर्षीय मरयम पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष हैं।
शरीफ घोषित समय शाम साढ़े पांच बजे से करीब दो घंटे देर से आये। उस समय तक, मरयम एक घंटे से अधिक समय तक मंच पर मौजूद रहीं और उत्सुक भीड़ भी उनके साथ अपने नेता के पक्ष में नारे लगाती रही। सिर पर चुन्नी ओढ़े और कत्थई रंग की सलवार कमीज पहनी मरयम एक अनुभवी राजनीतिक नेता की तरह भाषण दे रही थीं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सोचा कि मीनार-ए-पाकिस्तान एक बहुत बड़ा स्थल है, लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह पीएमएल-एन समर्थकों के लिए छोटा पड़ जाएगा।