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40 देशों की जासूसी एजेंसी के प्रमुख की खुफिया बैठक में अजित डोभाल का साफ संदेश, यूक्रेन में शांति जरूरी है लेकिन रूस के बिना नहीं

सऊदी अरब के जेद्दा में 40 देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों का जुटान हुआ। भारत की तरफ से मोदी के जेम्स बांड कहे जाने वाले अजित डोभाल भी इसमें शामिल हुए। डोभाल ने इस मीटिंग से दुनिया को स्पष्ट संदेश दिया कि यूक्रेन में शांति जरूरी है, लेकिन रूस को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। डोभाल ने सुझाया है कि यूक्रेन के लिए प्रस्ताव बनने की सूरत में रूस का उसमें होना बेहद ही जरूरी है। उनका ये बयान बताने के लिए भी काफी है कि भारत के लिए रूस की दोस्ती आज उतनी ही आवश्यक है जितनी युद्ध के पहले थी। 

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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने कहा कि भारत ने युद्ध की शुरुआत के बाद से नियमित रूप से रूस और यूक्रेन दोनों के साथ उच्चतम स्तर पर बातचीत की है। जेद्दा में यूक्रेन पर आयोजित बैठक में डोभाल ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतर्राष्ट्रीय कानून में निहित सिद्धांतों के आधार पर वैश्विक व्यवस्था का समर्थन करता है। एनएसए अजीत डोभाल ने कहा, सभी राज्यों द्वारा संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान बिना किसी अपवाद के बरकरार रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि न्यायसंगत और स्थायी समाधान खोजने के लिए सभी हितधारकों को शामिल करते हुए सभी शांति प्रयासों को आगे बढ़ाया जाना चाहिए और यही कारण है कि भारत ने जेद्दा में बैठक में भाग लिया।

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डोभाल ने कहा कि पूरी दुनिया और विशेषकर वैश्विक दक्षिण इस स्थिति का खामियाजा भुगत रहा है। भारत यूक्रेन को मानवीय सहायता और वैश्विक दक्षिण में अपने पड़ोसियों को आर्थिक सहायता दोनों प्रदान कर रहा है। भारत का दृष्टिकोण हमेशा संवाद और कूटनीति को बढ़ावा देने का रहा है और रहेगा। शांति के लिए आगे बढ़ने का यही एकमात्र रास्ता है। डोभाल ने साफ कर दिया है कि यूक्रेन में शांति का समाधान ऐसा होना चाहिए जो रूस के विचारों से मेल खाता हो और सभी को मान्‍य हो। किसी भी शांति समझौते के लिए रूस को भी शामिल किया जाना चाहिए। 

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