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क्या था डोभाल का सीक्रेट प्लान, जब 18 साल पहले हमेशा के लिए खत्म हो जाती दाऊद की कहानी, लेकिन मुंबई पुलिस…

अंडरवर्लड डॉन दाऊद के मामले पर पाकिस्तान लगातार छुपाता रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में आशंका जताई जा रही है कि सालों से पाकिस्तान में रह रहे दाऊद को जहर दिया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक दाऊद इब्राहिम को कराची के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसकी हालात गंभीर बताई जा रही है। दावा किया जा रहा है कि दाऊद को उसके घर पर ही जहर दिया गया है। वैसे एक जगह तो ये भी दावा किया गया कि दाऊद इब्राहिम को 15 दिसंबर को जहर दिया गया था और 17 दिसंबर को वो मर भी गया। लेकिन इस बात की कई पुष्टि नहीं है। दाऊद इब्राहिम के करीबी रिश्तेदार और पूर्व क्रिकेटर जावेद मियांदाद समेत पूरे परिवार को हाउस अरेस्ट कर लिया गया है। इसके अलावा पाकिस्तान में इंटरनेट की सेवाएं ठप कर दी गई हैं। हालांकि रक्षा मामलों के जानकारों के अनुसार पाकिस्तान कभी इस खबर की पुष्टि नहीं करेगा।  हिंदुस्तान का दुश्मन नं 1 दाऊद इब्राहिम 1993 के मुंबई हमले का आरोपी है। अमेरिका ने भी उसे आतंकी घोषित किया हुआ है। मुंबई ब्लास्ट के बाद दाऊद भारत से भाग गया था। ये डी कंपनी का सरगना भी है। संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित आतंकवादी और 1993 के मुंबई धमाकों का मुख्य आरोपी दाऊद कराची में रहता है। ये कई बार दुनिया के सामने आया है। पाकिस्तान की ओर से सालों तक इस बात को बार बार नकारा गया है। लेकिन कराची में दाऊद के नाम पर तीन मकान हैं। दशकों से भारत में मोस्ट वॉन्टेड रहे दाऊद को पकड़ने की तमाम कोशिशें नाकाम रहीं। उसे ठिकाने लगाने के एक प्लान में तो खुद अजीत डोभाल शामिल थे। 

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जब दाऊद को दुबई में ही निपटा दिया जाता

आज से करीब 18 साल पहले दाउद इब्राहिम की कहानी हमेशा-हमेशा के लिए खत्म हो जाती। 23 जुलाई 2005, ये वो तारीख थी जो दाऊद की मौत के लिए तय की गई थी। ये वो तारीख थी जब दाऊद की बेटी का वलीमा यानी रिसेप्शन था। दाऊद को दुबई के उसी होटल में मारा जाना था जहां रिसेप्शन था। लेकिन भारतीय खुफिया एजेंसी का ये पूरा आपरेशन मुंबई पुलिस की एक जरा सी गलती ने नाकाम बना दिया। ये खुलासा आरके सिंह ने किया जो उस वक्त देश के गृह सचिव थे। दाऊद की बेटी मारूख शेख का निकाह पाकिस्तान के क्रिकेटर जावेद मियांदाद के बेटे जुनैद से मक्का में हुआ था। निकाह की खबर बेहद गोपनीय रखी गई थी। बस गिनती के लोगों को इसकी खबर थी। 1993 के सिरियल ब्लास्ट के बाद दाउद लगातार दुबई और पाकिस्तान के बीच ही घूम रहा था। लेकिन 2000 के मध्य में संयुक्त राष्ट्र ने जैसे ही दाऊद को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया, पाकिस्तान पर चौतरफा दबाव पड़ने लगा। इसी के बाद से दाऊद के मूवमेंट को लेकर बेहद गोपनीयता बरती जाने लगी थी। 

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मुंबई पुलिस ने फेर दिया डोभाल के प्लान पर पानी

मक्का में दाउद की बेटी के निकाह की खबर दिल्ली तक पहुंच गई थी। सारी एजेंसियों के कान खड़े हो गए थे। मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तब बस पांच महीने पहले ही जनवरी 2004 में आईबी यानी खुफिया ब्यूरो के निदेशक पद से रिटायर हुए थे। निकाह के बाद दावत ए वलीमा यानी रिसेप्शन की बारी थी। मियांदाद और दाऊद रिसेप्शन करांची में ही करना चाहते थे। पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों ने इसकी मंजूरी नहीं दी। लिहाजा ये तय हुआ कि दुबई के होटल ग्रैंड हयात में रिसेप्शन 23 जुलाई को होगा। इस बात की खबर पहली बार भारतीय एजेंसियों को लगी थी कि दाऊद किस तारीख को किस दिन कितने बजे कहां होगा। आईबी को पता था कि दाउद को मारने का इससे बेहतर अवसर नहीं मिलेगा। इसी के बाद आपरेशन दाऊद पर भारत सरकार द्वारा छोटा राजन गैंग के गुर्गों को महाराष्ट्र के बाहर किसी खुफिया जगह पर ट्रेनिंग दी जा रही थी। तभी मुंबई पुलिस के अधिकारी ट्रेनिंग स्पॉट पर अरेस्ट वॉरंट के साथ आए थे और यह खुफिया ऑपरेशन अपने अंजाम तक नहीं पहुंच सका था। मुंबई पुलिस के ये अधिकारी दाऊद के साथ संपर्क में थे। और इस तरह दाऊद को मारने का मिशन फेल हो गया था। एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में देश के पूर्व गृह सचिव और बीजेपी नेता आरके सिंह ने इसका खुलासा किया था। 


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