पाकिस्तान की एंटी-नारकोटिक्स फोर्स (एएनएफ) ने भारत में ड्रग्स की तस्करी करने वाले एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया और इसके साथ वर्दी में एक अंडरवर्ल्ड डॉन भी मिला। ड्रग-तस्करी नेटवर्क को कोई और नहीं बल्कि लाहौर पुलिस की एंटी-नारकोटिक्स विंग के प्रमुख मजहर इकबाल द्वारा संचालित किया जा रहा था। अधिकारियों ने पाकिस्तान के डॉन अखबार को बताया कि मजहर इकबाल के नेतृत्व वाला नेटवर्क ड्रोन का उपयोग करके भारत में ड्रग्स, विशेष रूप से हेरोइन की तस्करी करता था।
इसे भी पढ़ें: India-Saudi Deal: दशकों तक जो था तेल-LPG का खरीदार अब बनेगा ऊर्जा साझेदार, भारत सऊदी संग रचने जा रहा ये इतिहास
पूर्व पुलिस उपाधीक्षक इकबाल, लाहौर पुलिस की एंटी-नारकोटिक्स इन्वेस्टिगेशन यूनिट का नेतृत्व कर रहे थे, जब एएनएफ ने ड्रग-तस्करी रैकेट का खुलासा किया था। 1994 के बाद से, इकबाल को अवैध गतिविधियों में शामिल होने के कारण छह बार सेवा से बर्खास्त किया गया और 45 बार निलंबित किया गया। उसके खिलाफ ज्यादातर मामले मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े हैं। आश्चर्य की बात यह है कि इतने संदिग्ध ट्रैक रिकॉर्ड के बावजूद इकबाल को लाहौर पुलिस के मादक द्रव्य विरोधी विभाग का प्रमुख पद दिया गया था।
इसे भी पढ़ें: सुपर पावर बनने का सपना देख रहा भारत, मुस्लिम ब्रदरहुड दिल्ली के साथ व्यापार करने को उत्सुक, चीन-पाकिस्तान क्यों हुआ परेशान?
पाकिस्तान के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, मजहर इकबाल ने इन अवैध गतिविधियों के जरिए काफी संपत्ति अर्जित की है। नेटवर्क के भंडाफोड़ की घोषणा पिछले हफ्ते पाकिस्तानी रेंजर्स ने की थी। रेंजर्स ने कथित तौर पर मादक पदार्थों, हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी की कोशिश करने के आरोप में पाकिस्तानी क्षेत्र के अंदर छह भारतीयों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। गिरफ्तार तस्करों में से चार गुरुमीत सिंह, शिंदर सिंह, जुगिंदर सिंह और विशाल जग्गा – पंजाब के फिरोजपुर के रहने वाले हैं। जबकि रतन पाल सिंह और गर्वेंदर सिंह क्रमशः जालंधर और लुधियाना से हैं।