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चुनावों से छेड़छाड़…कनाडा ने भारत को बताया विदेशी खतरा, चीन को लेकर भी कह दी बड़ी बात

कनाडा ने अपनी धरती पर एक खालिस्तानी आतंकवादी की हत्या में दिल्ली की भूमिका का आरोप लगाने के महीनों बाद भारत को एक विदेशी खतरा बताया है जो संभावित रूप से उनके चुनावों में हस्तक्षेप कर सकता है। भारत सरकार ने अभी तक ताज़ा आरोप पर प्रतिक्रिया नहीं दी है। यह आरोप कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा द्वारा ग्लोबल न्यूज द्वारा प्राप्त एक अवर्गीकृत खुफिया रिपोर्ट में लगाया गया था। यह पिछले साल कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय भूमिका का दावा करने के साथ शुरू हुए आरोपों और प्रत्यारोपों की कड़ी में ताजा अटैक है। इस आरोप को भारत ने अस्वीकार किया है। अक्टूबर 2022 की रिपोर्ट जिसका शीर्षक ‘विदेशी हस्तक्षेप और चुनाव: एक राष्ट्रीय सुरक्षा आकलन’ है, ने भारत को ‘खतरा’ बताया और चेतावनी दी कि विदेशी हस्तक्षेप कनाडा के लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है।

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ग्लोबल न्यूज ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि विदेशी हस्तक्षेप पारंपरिक कूटनीति से अलग है क्योंकि इसमें सार्वजनिक कथाओं और नीति-निर्माण को प्रभावित करने के लिए गोपनीयता और धोखे का इस्तेमाल किया जाता है। यह पहली बार है जब कनाडा ने भारत पर चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप लगाया है, यह आरोप चीन और रूस पहले से ही झेल रहे हैं। पिछले साल फरवरी में विदेशी हस्तक्षेप पर लोकतांत्रिक संस्थानों के मंत्री की ब्रीफिंग’ में चीन को अब तक का सबसे महत्वपूर्ण खतरा बताया गया था। रिपोर्ट में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का जिक्र किया गया। रिपोर्ट में कहा गया कि हम जानते हैं कि पीआरसी ने 2019 और 2021 के संघीय चुनावों को गुप्त रूप से और भ्रामक रूप से प्रभावित करने की कोशिश की थी।

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मीडिया ने कहा कि दस्तावेज़ के हिस्सों में किसी देश का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन अन्य सामग्रियों में भारत और चीन को शीर्ष ख़तरे के रूप में बताया गया है। इसमें कहा गया है कि विदेशी हस्तक्षेप “संप्रभुता, लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और मूल्यों को नष्ट करके” कनाडा और कनाडाई लोगों को नुकसान पहुंचाता है। इसमें कहा गया है कि एफआई (विदेशी हस्तक्षेप) गतिविधियां कनाडा के लोकतंत्र के ताने-बाने को कमजोर कर रही हैं, बहुसांस्कृतिक समाज की कड़ी मेहनत से हासिल की गई सामाजिक एकजुटता को कमजोर कर रही हैं और कनाडाई लोगों के चार्टर अधिकारों का हनन कर रही हैं। पिछले साल दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर एक द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने देश में बढ़ती अलगाववादी गतिविधियों पर जस्टिन ट्रूडो को डांटने के बाद से भारत और कनाडा के बीच तनाव पैदा हो गया था।

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