पाकिस्तान गंभीर आर्थिक तंगी में है और कुछ लोगों का अनुमान है कि देश दिवालिएपन के कगार पर है। इस्लामाबाद की अर्थव्यवस्था पिछले साल की विनाशकारी बाढ़ से उबरने के लिए संघर्ष करते हुए कुछ समय के लिए लड़खड़ाती नजर आ रही थी, लेकिन हाल ही में हालात और भी बदतर हो गए हैं। पिछले सप्ताह इसके विदेशी भंडार के घटकर केवल 4.3 बिलियन डॉलर होने की रिपोर्ट सामने आई है, जो तीन सप्ताह के आयात को कवर कर सकता है। इस बीच, पाकिस्तानी रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले साल-दर-साल 20 फीसदी नीचे है। पाकिस्तान में खाने-पीने के चीजों की कीमतें आसमान छू रही है। महंगाई अपने चरम पर है। इसका असर देश की गरीब जनता पर सीधा पड़ रहा है।
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अब पाकिस्तान के लोगों की मुश्किलें बढ़ाने वाली एक और रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें दावा किया गया है कि देश में बिजली भी महंगी हो गई है। स्थानीय अखबार द डॉन की एक खबर के अनुसार पाकिस्तान में बिजली की कीमतों में इजाफा हुआ है। पाकिस्तान की नेशनल इलेक्ट्रिक पावर रेगुलेटरी अथॉरिटी ने बिजली की दरों में 3.30 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की है। ये दर कराची में लागू होंगे। जिसकी वजह से उपभोक्ताओं को 43 रुपये प्रति यूनिट दाम चुकाने होंगे। इसके साथ ही विभिन्न उपभोक्ता श्रेणिययों के लिए टैरिफ में 1.49 रुपये से 4.46 रुपये प्रति यूनिट के बीच इजाफा किया गया है।
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नेशनल इलेक्ट्रिक पावर रेगुलेटरी अथॉरिटी का कहना है कि उसने समान टैरिफ नीति के तहत ही टैरिफ को समायोजित किया है। पूरे देश में बिजली उपभोक्ताओं में संघीय सरकार और उनके नियमों और विनियमों के तहत समान या यूनिफॉर्म टैरिफ वसूला जाता है। वहीं, पावर डिवीजन ने कहा कि केई 43 रुपये प्रति यूनिट बिजली मुहैया करा राह है और सरकार 18 रुपये प्रति यूनिट सब्सिडी दे रही है।