राजा-महाराज भले ही दुनिया को अलविदा कह गए हो लेकिन इनकी गुंज चारों दिशाओं में आज भी है। कोई भी अपनी संपत्ति के लिए मशहूर है तो कोई अपने दान-पुण्य के लिए। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय अपने पीछे अरबों संपत्ति छोड़ गई हैं। दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के आभूषणों के सबसे बेशकीमती टुकड़ों में से एक प्रतिष्ठित प्लैटिनम हार है जो लगभग 300 हीरों से जड़ा हुआ है। यह उन्हें 1947 में हैदराबाद के निज़ाम ने शादी के उपहार के रूप में उपहार में दिया था। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय फरवरी 1952 में राजगद्दी पर बैठी थीं। 8 सितंबर 2022 को 96 वर्ष की आयु में निधन हो गया। अपने 70 वर्ष के शासनकाल में उन्हें अनेक रत्न प्राप्त हुए। आभूषणों के सबसे प्रसिद्ध टुकड़ों में से एक फ्रांसीसी लक्जरी ब्रांड कार्टियर द्वारा बनाया गया 300 हीरों से जड़ित प्लैटिनम हार सेट है।
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शाही परिवार ने महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की हीरे जड़ित प्लैटिनम हार पहने हुए दो छवियां और प्रतिष्ठित हार की एक विस्तृत छवि प्रदर्शित की। आखिरी छवि में डचेस ऑफ कैम्ब्रिज को वही हार पहने हुए दिखाया गया। फरवरी 1952 में महामहिम के सिंहासन पर बैठने के कुछ ही दिनों बाद ली गई पहली तस्वीर में युवा रानी को हार्टनेल साटन शाम की पोशाक में ऑर्डर ऑफ द गार्टर के प्रतीक चिन्ह के साथ दिखाया गया है। इस प्रतिष्ठित छवि का उपयोग टिकटों पर रानी की छवि के आधार के रूप में किया गया था। यह आधिकारिक चित्र भी था जो उनके राज्यारोहण के बाद दुनिया भर के दूतावासों और रेजीमेंटों को भेजा गया था।
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शाही परिवार के अनुसार, यह हार 1947 में हैदराबाद के निज़ाम (शासक) की ओर से तत्कालीन राजकुमारी एलिजाबेथ को शादी के उपहार के रूप में दिया गया था। निज़ाम ने लंदन में कार्टियर के पास निर्देश छोड़े थे कि राजकुमारी एलिजाबेथ को शादी का उपहार खुद चुनना चाहिए, और लगभग 300 हीरों से जड़ा यह प्लैटिनम हार चुना गया था। महारानी के ब्रोच की ही कीमत 58 मिलियन के आसपास है। महारानी एलिजाबेथ के पास नीलम और डायमंड से बना एक शाही हार भी था।