यूरोपीय संघ की कार्यकारी शाखा ने शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के स्टील और एल्यूमीनियम पर टैरिफ लगाने के खिलाफ कड़ी और तत्काल कार्रवाई करने की कसम खाई। यूरोपीय संघ ने एक बयान में कहा कि ट्रम्प की प्रस्तावित “पारस्परिक” व्यापार नीति गलत दिशा में जा रही है। आयोग ने कहा कि यूरोपीय संघ मुक्त और निष्पक्ष व्यापार में अनुचित बाधाओं के खिलाफ कड़ी और तत्काल कार्रवाई करेगा, जिसमें वैध और गैर-भेदभावपूर्ण नीतियों को चुनौती देने के लिए टैरिफ का उपयोग भी शामिल है। यूरोपीय संघ हमेशा यूरोपीय व्यवसायों, श्रमिकों और उपभोक्ताओं को अनुचित टैरिफ उपायों से बचाएगा। आयोग ने कहा कि यूरोपीय संघ के पास दुनिया में सबसे कम टैरिफ हैं और उसके निर्यात पर अमेरिकी टैरिफ में वृद्धि का कोई औचित्य नहीं दिखता है। “टैरिफ कर हैं। टैरिफ लगाकर, अमेरिका अपने ही नागरिकों पर कर लगा रहा है, व्यापार की लागत बढ़ा रहा है, विकास को अवरुद्ध कर रहा है और मुद्रास्फीति को बढ़ावा दे रहा है।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह व्यापारिक साझेदारों से आयात पर व्यापक पारस्परिक शुल्क लगाने वाले आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे। इस प्रावधान का मतलब है कि अमेरिका किसी देश से आयात की जाने वाली वस्तुओं पर वही शुल्क लगाएगा, जो वह देश अपने अमेरिकी आयात पर लगाता है। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया मंच ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा, आज का दिन बड़ा है, पारस्परिक शुल्क !!! अमेरिका को फिर से महान बनाएं! हालांकि ट्रंप ने यह साफ नहीं किया है कि वह पारस्परिक शब्द को किस तरह परिभाषित करते हैं और उनका आदेश किन उत्पादों पर लागू होगा। अगर विदेश व्यापार के शुल्कों में नाटकीय बढ़ोतरी हुई तो इससे विश्व अर्थव्यवस्था को तेज झटका लग सकता है, वृद्धि कम हो सकती है, जबकि महंगाई तेजी से बढ़ेगी।
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ट्रंप ने कहा कि इस तरह के शुल्क से घरेलू स्तर पर विनिर्माण क्षेत्र में नौकरियों का सृजन करने में मदद मिलेगी। दूसरी तरफ अधिकतर अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति अपने फैसलों से अमेरिकी उपभोक्ताओं पर कर वृद्धि करेंगे। ट्रंप पहले ही चीन के आयात पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगा चुके हैं। उन्होंने अमेरिका के दो सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों- कनाडा और मेक्सिको पर भी शुल्क लगाने की तैयारी कर ली है, जो 30 दिनों के लिए निलंबित रहने के बाद मार्च में प्रभावी हो सकते हैं। ट्रंप ने इस्पात और एल्युमीनियम आयात पर भी शुल्क लगाया है जबकि कंप्यूटर चिप्स एवं दवाओं पर नए शुल्क के बारे में विचार कर रहे हैं। अमेरिका के इन फैसलों के खिलाफ यूरोपीय संघ, कनाडा और मेक्सिको भी जवाबी कदम उठाने की तैयारी कर रहे हैं। दूसरी ओर चीन ने अमेरिकी ऊर्जा, कृषि मशीनरी और बड़े इंजन वाले वाहनों पर शुल्क बढ़ाया है और गूगल के खिलाफ प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचाने की जांच शुरू की है।