Breaking News

2006 में हुई पहली बैठक, कैसे और किसने दिया नाम, जिस BRICS की बैठक में शामिल होने PM जोहान्सबर्ग गए उससे जुड़ी ये बातें जानते हैं आप?

ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का संक्षिप्त रूप ब्रिक्स मंगलवार से जोहान्सबर्ग में तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए तैयार है। 15वां ब्रिक्स सम्मेलन 22 से 24 अगस्त तक चलेगा। 2019 के बाद से यह पहली व्यक्तिगत ब्रिक्स बैठक है। शिखर सम्मेलन पर पश्चिम की पैनी नजर रहेगी क्योंकि मेज पर रखा एजेंडा उसके हितों के अनुरूप नहीं है। इस समूह के एक भी सदस्य ने रूस पर प्रतिबंध लगाने या संयुक्त राष्ट्र में इसकी निंदा करने का विकल्प नहीं चुना है। इसके अलावा, ब्रिक्स डी-डॉलरीकरण की अवधारणा को बढ़ावा दे रहा है, जो वैश्विक आरक्षित मुद्रा के रूप में अमेरिकी डॉलर के कार्य को कमजोर कर देगा।  दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 23 प्रतिशत और दुनिया की 42 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करते हुए, वे वैश्विक मामलों में पश्चिमी आर्थिक प्रभुत्व को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स बैठक में शामिल होने के लिए रवाना हो चुके हैं। ऐसे में आपको ब्रिक्स क्या है, कौन कौन से देश इसमें शामिल हो सकते हैं और ये क्यों अहम है। इसके बारे में बताते हैं। 

इसे भी पढ़ें: BRICS देशों की Meeting का काउंटडाउन शुरू, जानें पीएम मोदी के दौरे से जुड़ी 10 बड़ी बातें

ब्रिक्स क्या है और यह क्यों अहम
ब्रिक्स दुनिया की पांच सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं का समूह है। इस ब्रिक्स का हर अक्षर समूह के एक देश की अगुआई करता है। ये देश हैं – ब्राजील, रूस, भारत, चीन और साउथ अफ्रीका। जानकारों का कहना है कि साल 2050 तक समूह के चीन और भारत सप्लायर होंगे तो रूस और ब्राजील कच्चे माल के सबसे बड़े सप्लायर होंगे। ब्रिक्स देशों की आबादी दुनिया का 40% है। वैश्विक जीडीपी में इस समूह का हिस्सा लगभग 30% है।
कैसे आया ब्रिक्स नाम 
ब्रिक्स शब्द ब्रिटिश अर्थशास्त्री जिम ओनिल ने दिया था। उन्होंने गोल्डमैन सैक्स में काम करने के दौरान इस शब्द की खोज की थी। पहले ये शब्द BRIC हुआ करता था। बाद में इसमें एस को शामिल किया गया। साल 2010 में जब साउथ अफ्रीका इसमें शामिल हुआ तो ये BRICS हो गया। 2006 में ब्रिक देशों की बैठक हुई थी। उस वक्त इसमें चार देश ही शामिल थे। 

इसे भी पढ़ें: BRICS की अर्थव्यवस्था G7 देशों की संयुक्त जीडीपी के करीब पहुंच रही: Piyush Goyal

किन अन्य देशों ने जुड़ने की रुचि दिखाई?
इस संगठन का सदस्य बनने के आवेदन पर सदस्य देश आपसी सहमति से फैसला लेते हैं। अल्जीरिया, अर्जेंटीना, बहरीन, इजिप्ट, इंडोनेशिया, ईरान, सऊदी अरब और यूएई ने इस समूह से जुड़ने के लिए आवेदन दिए हैं। अफगानिस्तान, बांग्लादेश, बेलारूस, कजाकिस्तान, मेक्सिको, निकारागुआ, नाइजीरिया, पाकिस्तान, सेनेगल, सूडान, सीरिया, थाइलैंड, ट्यूनीशिया, तुर्किये, उरुग्वे, वेनेजुएला और जिंबाब्वे ने भी इसकी सदस्यता में रुचि दिखाई है।
कोविड एरा के बाद पहली फिजीकल बैठक
कोविड 19 महामारी के दौर के बाद ब्रिक्स यानी पांच देशों के समूह के नेताओं की पहली भौतिक उपस्थिति में होने वाली बैठक होगी।  

Loading

Back
Messenger