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1971 के बाद ढाका में पहली बार ISI, बांग्लादेश के साथ मिलकर क्या पाकिस्तान तैयार कर रहा कोई प्लान?

पिछले एक दशक में पहली बार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख बांग्लादेश का दौरा कर रहे हैं। आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक इस सप्ताह की शुरुआत में दुबई के रास्ते ढाका पहुंचे, जहां लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद ने उनका स्वागत किया। रिपोर्टों के अनुसार, माना जाता है कि बांग्लादेश सेना के क्वार्टर मास्टर जनरल (क्यूएमजी) फैज़ुर रहमान के इस्लामवादियों और पाकिस्तान के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, ऐसे में आईएसआई और रहमान के इस नए कनेक्शन ने भारत के भी कान खड़े कर दिए हैं। 

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सूत्रों के अनुसार, इस दौरे का मकसद जानकारी साझा करने के लिए दोनों देशों की खुफिया एजेंसी के बीच एक साझा नेटवर्क तैयार करना है।जानकारों के अनुसार, पाकिस्तान अब बांग्लादेश को भारत के खिलाफ हथियार बना इस्तेमाल कर सकता है। किसी आईएसआई चीफ का पिछले 15 सालों में यह पहला दौरा है। मलिक दुबई के रास्ते मंगलवार को ढाका पहुंचे हैं। वह यहां शुक्रवार तक ठहरेंगे। वहीं, इससे पहले बांग्लादेश के हाई रैंकिंग सैन्य अधिकारी जनरल एसएम कमरुल हसन 14 जनवरी को पाकिस्तान गए थे। कमरुल ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसीम मुनीर से मुलाकात की थी।

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1971 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद से ऐतिहासिक रूप से अलग-थलग पड़े बांग्लादेश और पाकिस्तान ने हाल ही में अपने संबंधों को सुधारने के लिए कदम उठाए हैं। बांग्लादेश में राजनीतिक परिदृश्य पिछले साल नाटकीय रूप से बदल गया जब भारत की लंबे समय से सहयोगी रहीं शेख हसीना को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बीच सत्ता से बेदखल कर दिया गया। तब से, अंतरिम नेता मुहम्मद यूनुस ने पाकिस्तान के साथ मेल-मिलाप बढ़ा दिया है। अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलनों में यूनुस और पाकिस्तानी प्रधान मंत्री शहबाज़ शरीफ़ के बीच बैठक भी देखने को मिली। 

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