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Canada में पहली बार खालिस्तानी झंडा भारतीय महिला के पैरों के नीचे, हिंदुओं की बहादुरी देख सहमी दुनिया

ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में खालिस्तानी झंडे वाले युवकों द्वारा श्रद्धालुओं पर कथित हमले ने एक बार फिर विवाद पैदा कर दिया है, भारत पहले से ही कनाडा पर अलगाववादियों और चरमपंथियों को खुली छूट देने का आरोप लगा रहा है। मंदिर के अंदर कथित तौर पर हिंसा दिखाने वाले कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं और प्रधानमंत्री, विपक्षी दलों और हिंदू संगठनों सहित कनाडा के शीर्ष राजनेताओं ने तीखी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं। कनाडा को अब एक आतंकी देश घोषित करने का समय आ गया है। खालिस्तानियों और आतंकियों के देश कनाडा में पूजा कर रहे हिंदुओं पर खतरनाक हमले को खालिस्तानियों ने अंजाम दिया है। 

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लेकिन पहली बार खालिस्तानियों और कनाडा की सरकार को भारतीयों ने चुनौती दे दी है। खालिस्तानियों को दौड़ा दौड़ा कर बेइज्जत किया गया है। भारत की बहादुर महिला ने गद्दार खालिस्तानियों के झंडे को पैरों के नीचे कुचल दिया है। उसके बाद एक और सच्चे व्यक्ति ने खालिस्तानी झंडे को फेंक दिया। हैरानी की बात देखिए कि कनाडा की पुलिस ने खालिस्तानी झंडे को बचाने के लिए अपनी पूरी जान लगा दी। ये पुलिस पूजा कर रहे हिंदुओं को तो बचा नहीं पाई लेकिन खालिस्तानी झंडे को बचाने के लिए इधर उधर दौड़ती नजर आई। ये वही कनाडा की पुलिस है जिसके सामने भारतीय तिरंगे को सैकड़ों बार अपमानित किया गया है। मगर शायद इन्हें तन्ख्वाह खालिस्तानी झंडे को बचाने के लिए ही दी जा रही होगी। बहरहाल, कनाडा में खालिस्तानी हमलों के बाद वहां के हिंदुओं ने भी एक नारा लगा दिया। कनाडा के हिंदुओं ने बी कहा कि बंटोगे तो कटोगे। 

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हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ करने की भी कोशिश की गई है। अब इस मामले को लेकर मोदी सरकार की तरफ से बयान सामने आ गया है। ब्रैम्पटन, कनाडा में हिंसा के संबंध में मीडिया के सवालों के जवाब में प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि हम कल ओंटारियो के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में चरमपंथियों और अलगाववादियों द्वारा की गई हिंसा की निंदा करते हैं। हम कनाडा सरकार से यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि सभी पूजा स्थलों को ऐसे हमलों से बचाया जाए। हम यह भी उम्मीद करते हैं कि हिंसा में शामिल लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। हम कनाडा में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं।

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