राष्ट्रीय न्यायालय विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) का विदेश में पहला परिसर बुधवार को युगांडा के जिंजा में स्थापित किया गया और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसे द्विपक्षीय संबंधों में एक बड़ी उपलब्धि बताया है।
परिसर के उद्घाटन समारोह में जयशंकर ने कहा, ‘‘हम दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की एक बड़ी उपलब्धि मनाने के लिए यहां एकत्र हुए हैं। भारत का राष्ट्रीय न्यायालय विज्ञान विश्वविद्यालय (नेशनल फोरेंसिक साइसेंज यूनिवर्सिटी) युगांडा के रक्षा बलों के साथ साझेदारी में यहां अपना परिसर स्थापित कर रहा है।’’
जयशंकर ने कहा कि आज का दिन भारत और युगांडा के लिए गौरव का दिन है। इस अवसर पर युगांडा के उप प्रधानमंत्री, मंत्री और शीर्ष अधिकारी भी उपस्थित थे।
जयशंकर ने कहा कि असल में यह भारत का ऐसा पहला सरकारी विश्वविद्यालय है, जो विदेश में एक परिसर स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा कि गुजरात से सांसद होने के नाते उन्हें इस विश्वविद्यालय को यह उपलब्धि हासिल करते देख खुशी हो रही है।
उल्लेखनीय है कि एनएफएसयू गुजरात में स्थित है।
विदेश मंत्री ने कहा कि एनएफएसयू राष्ट्रीय महत्व का एक संस्थान है और पूरी तरह से फोरेंसिक विज्ञान की पढ़ाई कराने वाला यह विश्व का पहला विश्वविद्यालय है।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में हमने देखा है कि भारत सरकार द्वारा प्रदान की जा रही विभिन्न छात्रवृत्ति के कारण फोरेंसिक विज्ञान पाठ्यक्रमों की अफ्रीकी छात्रों में बहुत मांग है। युगांडा में एक परिसर खोलने के बारे में हितधारकों के सोचने के पीछे यह भी एक कारण है।’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय और युगांडा के नवस्थापित एनडीसी के बीच सहयोग भी विचारार्थ है।’’
विदेश मंत्री 10 से 15 अप्रैल तक दो अफ्रीकी देशों-युगांडा और मोजाम्बिक– की यात्रा पर हैं।