Breaking News
-
भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद…
-
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के 69000 शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले…
-
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में इस समय 2024 की सबसे बड़ी जंग शुरू हो गई…
-
भारत और यूएई ने सोमवार को कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जिससे…
-
चौरई (छिंदवाड़ा)। भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी ) के पूर्व महानिदेशक प्रो.संजय द्विवेदी का कहना…
-
लखनऊ। हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। प्रचार अभियान जोरों पर चल रहा है।…
-
वियतनाम में तूफान के बाद हुई भारी बारिश के कारण सोमवार को बाढ़ में एक…
-
युविका चौधरी और एक्टर पति प्रिंस नरूला, छह साल के वैवाहिक आनंद के बाद जल्द…
-
भारत के रक्षा बलों के लिए एक ऐतिहासिक घटना में, भारतीय सेना, नौसेना और वायु…
-
कंधार हाईजैक विवादों से घिरा हुआ है. पाकिस्तानी मुस्लिम नामों को हिंदू कोड नामों में…
ढाका । शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद जेल से रिहा बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को नवीनीकृत पासपोर्ट मिल गया है। जिया की पार्टी ने बुधवार को यह जानकारी दी। जिया (79) को तत्कालीन प्रधानमंत्री हसीना के कार्यकाल में 2018 में भ्रष्टाचार के लिए 17 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। अपनी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बीच हसीना (76) ने सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और भारत चली गईं।
‘ढाका ट्रिब्यून’ अखबार ने बीएनपी मीडिया प्रकोष्ठ के सदस्य शैरुल कबीर खान के हवाले से बताया कि जिया को नवीनीकृत पासपोर्ट मिल गया है। इसने कहा कि मंगलवार को जिया के पासपोर्ट के नवीनीकरण की प्रक्रिया पूरी हो गई और इसके बाद जिया के निजी सचिव एबी एम अब्दुस सत्तार ने उसी रात उनकी ओर से नवीनीकृत पासपोर्ट प्राप्त कर लिया। बांग्लादेश नेशनल पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष जिया वर्तमान में विभिन्न बीमारियों का इलाज करा रही हैं।
जिया को हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के अपदस्थ होने के बाद मंगलवार को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के कार्यकारी आदेश पर रिहा कर दिया गया। जिया दो साल से ज्यादा समय से जेल में बंद थीं। हसीना के नेतृत्व वाली सरकार ने 25 मार्च, 2020 को एक कार्यकारी आदेश के जरिए जिया की सजा को निलंबित कर दिया और उन्हें सशर्त रिहाई दी। इसके बाद, सरकार ने आवेदन पर हर छह महीने में उनकी सज़ा के निलंबन और रिहाई की अवधि को बढ़ाया। बांग्लादेश में दशकों से जिया और हसीना की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता रही है।