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कोलंबो । श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने बृहस्पतिवार को वर्ष 2019 में ‘ईस्टर संडे’ पर हुए आतंकी हमले की जांच को लेकर अपने खिलाफ लगाए गए देश के कैथोलिक चर्च के प्रमुख कार्डिनल मैलकॉम रंजीत के आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया। श्रीलंका में 21 अप्रैल, 2019 को 11 भारतीयों सहित 270 लोग मारे गए थे जब आतंकी संगठन ‘आईएसआईएस’ से जुड़े स्थानीय इस्लामी चरमपंथी समूह नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) के नौ आत्मघाती हमलावरों ने तीन कैथोलिक चर्च और कई आलीशान होटल में सिलसिलेवार विस्फोट को अंजाम दिया था।
बयान में 74 वर्षीय राजपक्षे ने कहा कि ‘ईस्टर संडे’ पर हमले इस्लामी चरमपंथियों के एक समूह द्वारा किए गए थे। ‘डेलीमिरर डॉट एलके’ नामक समाचार पोर्टल की खबर में कहा गया था कि, ‘‘तत्कालीन सरकार की सर्वोच्च जांच शाखा सीआईडी हमलों से पहले कई महीनों तक उन्हीं व्यक्तियों और समूहों की गतिविधियों की जांच कर रही थी जिन्होंने आत्मघाती बम विस्फोट किए थे, लेकिन वह आतंकवादियों को हमले से पहले पकड़ने में विफल रही।’’
राजपक्षे एक पूर्व राजनेता और सैन्य अधिकारी हैं, जिन्होंने नवंबर 2019 से जुलाई 2022 में अपने इस्तीफे तक श्रीलंका के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि हाल ही में एक मीडिया सम्मेलन में कार्डिनल रंजीत ने आरोप लगाया कि ‘ईस्टर संडे’ के हमलों को लेकर ‘राष्ट्रपति जांच आयोग’ की रिपोर्ट पूर्व राष्ट्रपति को सौंपे जाने के अगले दिन, उन्होंने उनसे फोन पर बात की और कहा था कि उन्हें उस रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करने में कठिनाई थी क्योंकि इसमें व्यक्तियों की गिरफ्तारी और उन संगठनों पर प्रतिबंध लगाना भी शामिल था जो उनके समर्थक थे। इस आरोप के जवाब में राजपक्षे ने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं कि राष्ट्रपति आयोग की रिपोर्ट मुझे सौंपे जाने के बाद मैंने कार्डिनल से फोन पर बात नहीं की।