श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने वर्ष 2019 में ईस्टर रविवार के दिन हुए धमाकों के लिए मंगलवार को देश के अल्पसंख्यक कैथोलिक ईसाई समुदाय से माफी मांगी।
उल्लेखनीय है कि 21 अप्रैल 2019 में इस्लामिक स्टेट से संबद्ध स्थानीय इस्लामिक चरमपंथी समूह नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) के नौ आत्मघाती हमलावारों ने गिरजाघरों सहिता अहम ठिकानों पर सिलसिलेवार धमाके किये थे जिनमें 11 भारतीयों सहित 270 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 500 लोग घायल हुए थे।
सिरिसेना ने अपनी फ्रीडम पार्टी को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं कुछ अन्य लोगों के कृत्यों के लिए कैथोलिक समुदाय से माफी मांगता हूं।’’
पूर्व राष्ट्रपति की माफी उच्चतम न्यायालय के 12 जनवरी के फैसले के करीब दो सप्ताह बाद आई है जिसमें उन्हें 10 करोड़ श्रीलंकाई रुपये पीड़ितों को देने का आदेश दिया गया था। अदालत ने कहा कि अगर वह मुआवजा राशि का भुगतान करने में असफल होते हैं तो अदालत अवमानना की कार्यवाही करेगी।
सिरिसेना वर्ष 2015 से 2019 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति थे और वह वर्ष 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में भी दावेदारी पेश कर सकते हैं।
सिरिसेना द्वारा गठित राष्ट्रपति जांच समिति ने पाया था कि तत्कालीन राष्ट्रपति हमलों को रोकने में नाकाम रहे।
हालांकि समिति के निष्कर्षों के बाद दर्ज किए गए मामले में सिरिसेना ने आरोपों में दोष कबूल नहीं किया।