पुलिस फायरिंग में 17 साल के नाहेल की मौत के बाद फ्रांस में फैली अशांति छह दिन बाद कम होती दिख रही है। सरकारों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए पूरे फ्रांस में टाउन हॉलों में भीड़ जमा हुई। गृह मंत्रालय के अनुसार, रातभर में 157 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इससे पहले 30 जून को हुई हिंसा के दौरान रात भर में 3880 लोगों को गिरफ्तार किया है। अपने देश को जलता देख फ्रांस के मूल निवासी सड़कों पर उतर आए हैं। अपने देश को बचाने के लिए फ्रांसिसी लोग शरणार्थियों और प्रवासियों से भिड़ गए हैं। फ्रांस के लोग दंगाईयों से अपने देश की रक्षा करना चाहते हैं।
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सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें वायरल हो रही है जिसमें देखा जा सकता है कि फ्रांस के लोग लाठी-डंडों के साथ दुकान लूट रहे दंगाईयों को पीट रहे हैं। आपको बता दें कि फ्रांस में दंगाईयों ने स्कूल जला दिए, बैंक लूट लिए और लाइब्रेरी में आग लगा दी। दंगाईयों ने आम लोगों के घरों में भी आग लगा दी और उनकी गाड़ियां भी फूंक डाली। बस इसी के बाद से फ्रांस की आम जनता का सब्र टूट गया। उन्होंने दंगाईयों से निपटने के लिए खुद ही सड़क पर उतरने का फैसला कर लिया।
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गृह मंत्री गेराल्ड डमनिन ने बताया कि 45,000 पुलिस अधिकारियों को पूर्व फ्रेंच कॉलोनियों से जुड़े और कम आय वर्ग वाले इलाकों में रहने वाले लोगों के खिलाफ भेदभाव को लेकर आक्रोश से निपटने के लिए तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए जाने वालों की औसत उम्र 17 साल है।