जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और उनके मंत्रिमंडल ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। इसके बाद जापान की संसद ने सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रमुख शिगेरु इशिबा को औपचारिक रूप से देश का नया प्रधानमंत्री चुना। इशिबा को लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी का नेता चुना गया था, ताकि वह फुमियो किशिदा की जगह ले सकें। इशिबा अपने नए मंत्रिमंडल की घोषणा करेंगे। इसके साथ ही इशिबा 27 अक्टूबर को संसदीय चुनाव कराने की योजना बना रहे हैं। इशिबा ने अपने मंत्रिमंडल के गठन से पहले पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की घोषणा करते हुए चुनाव की तारीख का उल्लेख किया। किशिदा भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए हैं।
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सत्ता में भागीदारी में क्या आएगा बदलाव?
वित्त मंत्री के रूप में कात्सुनोबु काटो और मुख्य कैबिनेट सचिव के रूप में योशिमासा हयाशी के अपने पद पर बने रहने की संभावना है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इशिबा के करीबी माने जाने वाले पूर्व रक्षा प्रमुख ताकेशी इवाया विदेश मंत्री का पद संभालेंगे। जनरल नकातानी की रक्षा मंत्रालय में वापसी होगी। नकातानी 2016 में भी देश के रक्षा मंत्री थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सीनियर नेता योजी मुटो अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग मंत्रालय का कार्यभार संभालेंगे। इशिबा जापान के सबसे करीबी सहयोगी, संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ कूटनीति पर रहने वाला है। उन्होंने विभिन्न मंचों से बार-बार वाशिंगटन के साथ अधिक संतुलित संबंध कायम करने के संकेत भी दिए हैं। उन्होंने चीन को रोकने के लिए सामूहिक सुरक्षा समूह नाटो का एक एशियाई संस्करण बनाने का भी प्रस्ताव रखा है, एक ऐसा विचार जिससे बीजिंग नाराज हो सकता है। अपने विजय भाषण में इशिबा चीनी और रूसी सैन्य जहाजों द्वारा हाल ही में क्षेत्रीय घुसपैठ के बाद जापान की सुरक्षा बढ़ाने की आवश्यकता के बारे में खुलकर अपने विचार रखे थे।
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जापान की आर्थिक नीति में आएगा क्या बदलाव
वित्त मंत्रालय में काटो की नियुक्ति पर बारीकी से नजर रखी जाएगी। उन्होंने पूर्व प्रधान मंत्री शिंजो आबे के प्रशासन में प्रमुख पदों पर कार्य किया हुआ है। इस दौरान विस्तारवादी राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों को अपनाया था। साने ताकाइची पर इशिबा की जीत के बाद येन में बढ़ोतरी की प्रतिक्रिया में निक्केई स्टॉक इंडेक्स .N225 सोमवार को लगभग 5% गिर गया। हालांकि अगले दिन सूचकांक में सुधार हुआ।